मध्यप्रदेश को 20 साल बाद मिल सकता है डिप्टी सीएम ? इन चेहरों पर हो रही है चर्चा
मध्यप्रदेश में कल यानि 3 दिसंबर को विधानसभा चुनावों के नतीजे आने वाले हैं। ऐसे में काउंटिंग के पहले प्रदेश को उपमुख्यमंत्री मिलने की चर्चाएं तेज़ हो गयीं हैं। बता दें दोनों ही दलों में उपमुख्यमंत्री बनाने के फार्मूले पर बात हो रही है
कह सकतें हैं कि मध्यप्रदेश को 20 साल बाद उपमुख्यमंत्री मिल सकता है. आइए जानतें हैं प्रदेश के राजनीतिक दलों में उपमुख्यमंत्री के लिए किस चेहरे को जिम्मेदारी दी जा सकती है.
वरिष्ठ विधायक बन सकतें उपमुख्यमंत्री का चेहरा
मध्यप्रदेश में काउंटिंग के पहले उपमुख्यमंत्री की लगातार चर्चाएं तेज हो गई हैं। प्रदेश के दोनों मुख्य दलों में डिप्टी सीएम फॉर्मूले पर बात हो रही है। मध्यप्रदेश 20 साल बाद उपमुख्यमंत्री मिल सकता है।
सूत्रों के अनुसार किसी वरिष्ठ विधायक को यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। बता दें एमपी में अब-तक 4 डिप्टी सीएम रह चुके हैं। तो वहीं छत्तीसगढ़ में कुछ महीने पहले टीएस सिंहदेव डिप्टी सीएम बने थे ।
पार्टियों अपना सकतें है ये फॉर्मूला
इस बार दोनों ही पार्टियां ज्यादा फोकस OBC भागीदारी पर है। दोनों ही पार्टियां प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बनाने के लिए OBC वर्ग पर ध्यान केंद्रित करते हुए फॉर्मूला अपना सकती हैं ।
इस फॉर्मूले में सीएम OBC वर्ग से होंगे तो वहीं डिप्टी सीएम सामान्य वर्ग का हो सकता है। इसी तरह CM अगर सामान्य वर्ग से होंगे तो डिप्टी सीएम OBC या आदिवासी वर्ग का हो सकता है।
बताया जा रहा है दोनों ही पार्टियों में यही फॉर्मूला अपना सकती हैं।
MP को अब तक मिल सकतें हैं 4 डिप्टी सीएम
सबसे पहले वीरेंद्र कुमार सकलेचा 1967 से 1969 तक मध्यप्रदेश के उपमुख्यमंत्री थे। बता दें वीरेंद्र कुमार सकलेचा भारतीय जन संघ पार्टी से थे।
शिव भानु सिंह सोलंकी मध्य प्रदेश से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता थे । वह 1980 में अर्जुन सिंह के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश सरकार में उप मुख्यमंत्री थे।
सुभाष यादव मध्य प्रदेश से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता थे। वह 1993 से 1998 दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश सरकार में उपमुख्यमंत्री थे।
जमुना देवी मध्य प्रदेश से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता थे। वह 1998 से 2003 दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश सरकार में उपमुख्यमंत्री थी।