देश

मध्यप्रदेश में कांग्रेस को सपा ने ज्यादा चोट पहुंचाई या बसपा ने?

भोपाल: मध्य प्रदेश में कांग्रेस (Congress in Madhya Pradesh) की शर्मनाक हार की समीक्षा शुरू हो गई है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee) ने कहा कि गठबंधन दल (coalition party) ने कांग्रेस के 12 फीसदी वोट काट दिए और यह वोट काटने की राजनीति (vote cutting politics) है. उनका निशाना समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की ओर था. हम जानने की कोशिश करेंगे कि एमपी में हाथ को हाथी ने ज्यादा चोट पहुंचाई या साईकिल ने? एमपी की सत्ता में आने का सपना देख रही कांग्रेस को इस बार 66 सीटें मिली हैं. यानि 2018 की तुलना में उसे 48 सीटों का नुकसान हुआ है. हालांकि कांग्रेस के वोट पर्सेंट में कोई बदलाव नहीं हुआ है. 2018 में भी कांग्रेस को 40 फीसदी के करीब वोट मिला था और 2023 में भी कांग्रेस को 40 फीसदी के करीब ही वोट मिला है, लेकिन भाजपा का वोट प्रतिशत करीब 8 फीसदी बढ़ गया. इस वहज से भाजपा ने प्रचंड जीत दर्ज की है.

कांग्रेस का वोट प्रतिशत तो न घटा और न बढ़ा लेकिन बसपा-सपा का वोट प्रतिशत घट गया. इसका सीधा फायदा बीजेपी को हुआ. 2018 में बसपा को 5 फीसदी वोट मिला था, जो 2023 में घटकर 3.40 फीसदी हो गया. वहीं 2018 में सपा को 1.30 फीसदी वोट मिला था, जो 2023 में घटकर 0.46 फीसदी हो गया. इस बार सपा को नोटा से भी कम वोट मिला है, जबकि निर्दलीयों का वोट 2018 की ही तरह 2023 में भी 5 फीसदी के करीब रहा. बसपा और सपा का वोट प्रतिशत गिरने का सीधा फायदा बीजेपी को हुआ… जो बीजेपी 2018 में 41 फीसदी के करीब वोट पाई थी, वो 2023 में 48 फीसदी के करीब पहुंच गई. बसपा और सपा के वोट प्रतिशत में गिरावट ने बीजेपी को चंबल और बुंदेलखंड के इलाके की दो दर्जन से अधिक सीटों पर फायदा पहुंचाया. बसपा और सपा के एक भी प्रत्याशी जीते नहीं, लेकिन कांग्रेस के प्रत्याशियों के हराने में अहम भूमिका अदा कर गए हैं.

सम्बंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button