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पूर्व मुख्यमंत्री मांझी को मौन धरना की नहीं मिली इजाजत, छठ के बाद राजघाट जाने की कर दी घोषणा

पटना। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ दिल्ली जाकर महात्मा गांधी की समाधि स्थल राजघाट जाने की घोषणा की है।

दरअसल, मांझी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के कार्यकर्ताओं के साथ मंगलवार को पटना उच्च न्यायालय परिसर स्थित अंबेडकर प्रतिमा के सामने मौन धरना पर बैठने पहुंचे थे। प्रशासन ने उन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं दी। इसके बाद उनका धरना कार्यक्रम स्थगित हो गया। इस मौके पर भाजपा के भी कई नेता वहां पहुंचे।

धरना कार्यक्रम स्थगित होने के बाद मांझी ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए घोषणा की कि छठ के बाद वे दिल्ली स्थित महात्मा गांधी की समाधि स्थल राजघाट जाएंगे और नीतीश कुमार का विरोध कार्यक्रम करेंगे।

उन्होंने नीतीश कुमार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर हमारे भगवान हैं। हम उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण करके मौन धरना करना चाहते थे, मगर इसकी इजाजत नहीं दी गई। विधानसभा में बोलने नहीं दिया जाता, यहां पर भी उन्हें माल्यार्पण से रोका जा रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि इन्हें संविधान और जनतंत्र से कोई मतलब नहीं है, हमारे जैसे दलित समाज के वरीय नेता को, जो उनसे (नीतीश) भी बड़े हैं, उनके लिए तू-तड़ाक की भाषा का प्रयोग करना उनके घमंडी व्यवहार को दर्शाता है।

हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख ने कहा कि नीतीश ने सिर्फ जीतनराम मांझी का नहीं, बल्कि बिहार और देश के सभी दलितों का अपमान किया। उन्होंने साफ लहजे में कहा कि हमने आरक्षण बिल का समर्थन दिया, फिर उसमें विरोध की कौन सी बात है। उन्होंने कहा कि नीतीश को सद्बुद्धि दें।

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