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WHO ने किया अलर्ट, इन वजहों से बढ़ रही सांस सबंधी परेशानियां, कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर भी दी चेतावनी

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सांस संबंधी बीमारियों के बढ़ने और कोरोना के नए सबवैरिएंट जेएन.1 को लेकर सदस्य देशों को आगाह किया है। डब्लूएचओ ने कहा है कि वायरस अपना स्वरूप बदल रहे हैं। ऐसे में सभी सदस्य देश अपने यहां मजबूत सर्विलांस रखें ताकि बीमारियों के प्रसार को रोका जा सके। दरअसल, डब्लूएचओ ने अपनी टेक्निकल लीड मारिया वान केरखोव का एक वीडियो एक्स पर शेयर किया है। इस वीडियो में केरखोव ने सांस संबंधी बीमारियों के फैलने की वजह बताई है और इन्हें रोकने के लिए क्या सावधानी रखने की जरूरत है, उसकी भी जानकारी दी है।

इन वजहों से बढ़ रही सांस संबंधी बीमारियां
वहीं मारिया वान केरखोव ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर किया है। इसमें उन्होंने बताया कि सांस संबंधी बीमारियां दुनिया में लगातार बढ़ रही हैं। इनमें कोरोना वायरस, फ्लू, रिनो वायरस, माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया और अन्य बीमारियां शामिल हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि सार्स कोव-2 लगातार अपने आप को बदल रहा है। कोरोना का सबवैरिएंट जेएन.1 भी फैल रहा है। केरखोव ने कहा कि सांस संबंधी बीमारियों के फैलने की कई वजह है, इनमें एक मौजूदा छुट्टियों का सीजन भी है, जिसमें परिवार इकट्ठा होते हैं और बड़ी संख्या में लोग यात्राएं करते हैं। ऐसे में सरकारों को कड़ी निगरानी करने की जरूरत है।

सर्दियों में इस वजह से बढ़ रहा खतरा
साथ ही केरखोव ने बताया कि लोग सर्दियों के मौसम में ज्यादा वक्त घर के अंदर गुजारते हैं। ऐसे में अगर घर में वेंटिलेशन का अभाव है तो ऐसे में बीमारी फैलने का खतरा बढ़ जाता है। बता दें कि पश्चिमी देशों में इन दिनों क्रिसमस की छुट्टियां होने वाली हैं। यही वजह है कि कोरोना या अन्य सांस संबंधी बीमारियों के फैलने की आशंका जताई जा रही है।

कोरोना के सबवैरिएंट को लेकर भी चेताया
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस फैल रहा है और फिलहाल कोरोना के 68 फीसदी मामले सबवैरिएंट जेएन.1 की वजह से हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी सदस्य देशों से अपील की है कि वह मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग संबंधी नियमों को लागू करें और कड़ी निगरानी करें।

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