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दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग के सचिव वाईवीवीजे राजशेखर के खिलाफ झूठे शिकायतकर्ता प्रेमनाथ को भेजा 14 दिन की न्यायिक हिरासत में

नकुल कश्यप की शिकायत पर दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग के सचिव वाईवीवीजे राजशेखर (YVVJ Rajshekhar) के खिलाफ झूठी शिकायत करने वाले अंडमान और निकोबार द्वीप सिविल सेवा (DANICS) अधिकारी एवी प्रेम नाथ को दिल्ली पुलिस ने तिरुपति से गिरफ्तार कर उसे कोर्ट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

राजशेखर के खिलाफ शिकायत मुकदमा दर्ज करने के लिए नकुल कश्यप को प्रेरित करने और उसके नाम से फर्जी ईमेल करने के आरोपित अधिकारी एवी प्रेमनाथ को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने आंध्र प्रदेश के तिरुपति से गिरफ्तार कर लिया है।

प्रेमनाथ को आरपीएफ और जीआरपी की मदद से सोमवार को तिरुपति रेलवे स्टेशन पर हिरासत में ले लिया था और फिर दिल्ली पुलिस की एक टीम तिरुपति पहुंची और उसे दिल्ली लाया गया। बाद में उसे डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट तीस हजारी कोर्ट दिल्ली के सामने पेश किया गया, जहां पर कोर्ट ने उसे मंगलवार को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।

बता दें कि नकुल कश्यप की शिकायत FIR संख्या 171/2023 दिनांक 16.06.2023 के तहत धारा 417/419/468/471/120-बी आईपीसी, पीएस, आईपी एस्टेट, दिल्ली के तहत एक मामला दर्ज किया गया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि दिल्ली में एक अधिकारी प्रेम नाथ ने उन्हें दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग के सचिव वाईवीवीजे राजशेखर के खिलाफ झूठी शिकायत करने के लिए प्रेरित किया था।

प्रेमनाथ ने उसे वाईवीवीजे राजशेखर के खिलाफ एससी/एसटी अधिनियम के प्रावधानों के तहत भी मुकदमा दर्ज कराने के लिए कहा था।

इसके लिए आरोपी एवी प्रेमनाथ ने नकुल कश्यप की फर्जी ई-मेल आईडी बनाई थी और दिल्ली सरकार के विभिन्न अधिकारियों को वाईवीवीजे राजशेखर के खिलाफ नकुल कश्यप के नाम से झूठी शिकायत मेल भी किया था।  इस मामले की प्रारंभिक जांच मध्य जिले में की गई और फिर बाद में मामला 3 नवंबर 2023 को अपराध शाखा को ट्रांसफर कर दिया था।

इससे पहले कथित एवी प्रेमनाथ ने FIR को रद्द करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था, लेकिन  22 जनवरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने उसकी इस याचिका को खारिज कर दिया था। और फिर कोर्ट के नोटिस देने के बावजूद वह जांच में शामिल नहीं हुए और वह भूमिगत हो गये और उसने सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन दायर किया, लेकिन उसे भी कोर्ट द्वारा 21 फरवरी को खारिज कर दिया था। 22 फरवरी को ट्रायल कोर्ट से आरोपी एवी प्रेमनाथ के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया। प्रेमनाथ का पता लगाने के लिए तकनीकी निगरानी बढ़ाई गई और कई जगहों पर छापे भी मारे गए।

इस गंभार में फंसे आरोपी प्रेमनाथ का पता लगाने के लिए तकनीकी निगरानी बढ़ाई गई और कई जगहों पर छापेमारी की गई। निरंतर प्रयासों के बाद, ए.वी. प्रेम नाथ का पता लगाया गया, जब वह एच.एन. दीन से तिरुपति तक काल्पनिक नाम बच्ची राम के तहत आंध्र प्रदेश संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे थे।

आरपीएफ और जीआरपी की मदद से उसे तिरुपति रेलवे स्टेशन पर हिरासत में लिया गया। पुलिस की एक टीम तिरुपति पहुंची और उसे दिल्ली लाया गया और उसे ड्यूटी मजिस्ट्रेट, तीस हजारी कोर्ट दिल्ली के सामने पेश किया गया। माननीय न्यायालय के आदेशानुसार उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

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