शराब घोटाला मामला: दिल्ली हाईकोर्ट से केजरीवाल को राहत नहीं, 22 अप्रैल तक जवाब दाखिल करेगी ED
नई दिल्ली। अरविंद केजरीवाल की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दंडात्मक कार्रवाई से कोई अंतरिम सुरक्षा देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि इस स्तर पर हम अंतरिम राहत देने के इच्छुक नहीं हैं।हालाँकि, अदालत ने इस नई अंतरिम याचिका पर ED से जवाब मांगा और मामले को 22 अप्रैल, 2024 के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
सुनवाई के दौरान ED ने कोर्ट के सामने दस्तावेज पेश किए. ED की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कोर्ट के सामने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दस्तावेज पेश किए और कहा कि हम कोर्ट के कहने पर आपको दस्तावेज दिखा रहे हैं. याचिकाकर्ता इनकी मांग ना करें.
बता दें कि ED की गिरफ्तारी के डर से केजरीवाल ने हाईकोर्ट में याचिका डाली थी. उनकी इस याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई. इस दौरान अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा लोकसभा चुनाव के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लीजिए. कम से कम ये चुनाव उन्हें लड़ने दीजिए. सिंघवी ने कहा कि अगर आपको इतनी खुशी मिलती हैं तो उन्हें जून में गिरफ्तार कर लीजिए. सिंघवी ने मौखिक रूप से कहा कि कम से कम चुनाव तक तो दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा दी जा सकती है. कम से कम मुझे ये चुनाव लड़ने दीजिए.
क्या है पूरा मामला ?
दिल्ली की नई आबकारी नीति 2021/22 को बनाने और उसके क्रियान्वयन में घोटाले के आरोपों के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने 20 जुलाई, 2022 को मामले में CBI जांच की सिफारिश की थी। जिसके बाद 17 अगस्त 2022 को CBI ने शिकायत दर्ज की थी। जिसमें तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आरोपी नंबर 1 बनाया था।
आरोप है कि आबकारी नीति के निर्माण के चरण के दौरान पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया और अन्य अज्ञात और अनाम निजी व्यक्तियों/संस्थाओं सहित AAP नेताओं द्वारा एक आपराधिक साजिश रची गई थी और साउथ लॉबी के शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाया गया। बदलें में करोड़ों की रिश्वत लेकर चुनाव में खर्च किया गया।
आबकारी मामले में आम आदमी पार्टी के दो बड़े नेता संजय सिंह और मनीष सिसोदिया पहले से जेल में हैं। CBI ने 26 फरवरी 2023 को मनीष सिसोदिया और 4 अक्टूबर 2023 को ED ने संजय सिंह को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था।