देश

राजस्थान के करौली में पीएम मोदी: कच्चातीवू द्वीप पर दिग्विजय सिंह के बयान पर साधा निशाना, बोले-कोई रहता नहीं है तो दे दोगे क्या?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार राजस्थान के करौली में एक रैली को संबोधित किया। मंच से प्रधानमंत्री ने कच्चातीवू मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस के एक नेता ने कल कहा कि क्या कोई कच्चातीवू पर रहता है क्या। रहता नहीं है तो दे देनी है क्या? फिर कल तुम इस रेगिस्तान को क्या कहोगे। यही कहोगे कि कोई रहता है क्या? अगरा कोई नहीं रहता है तो क्या इसे दूसरे को दे दोगो?

इस रेगिस्तान के बारे में क्या कहेंगे?
प्रधानमंत्री ने कहा कि कल आप इस रेगिस्तान के बारे में क्या कहोगे? क्या यही कहोगे कि यहां पर कोई रहता है क्या? क्या यह देश को बचाने का तरीका। यह उन लोगों की मानसिकता है। देश का कोई भी निर्जन स्थान उनके लिए महज एक जमीन का टुकड़ा है। वे कच्चातीवू की तरह राजस्थान भी दे सकते हैं। बता दें कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बुधवार को कच्चातीवू द्वीप के बारे में पूछे जाने पर कहा था कि क्या उस द्वीप पर कोई रहता है। इसके बाद कंगना रनौत समेत कई नेताओं ने कांग्रेस पर निशाना साधा था।

आर्टिकल 370 को लेकर भी कांग्रेस पर निशाना साधा
पीएम मोदी ने आर्टिकल 370 को लेकर भी निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कश्मीर से 370 हट गया तो उसका राजस्थान से क्या वास्ता। मैं  कांग्रेस पार्टी को बताना चाहता हूं। यह वीडियो आप कांग्रेस नेताओं को भी भेज देना। कांग्रेस नेता अगर समझ रहे हैं कि राजस्थान का कश्मीर से क्या वास्ता है। ये जानना है तो राजस्थान के बलिदानी वीर सैनिकों के घर जाकर पूछे। उनकी गांव की मिट्टी बताएगी कि राजस्थान का कश्मीर से क्या वास्ता है। कश्मीर की धरती पर राजस्थान के अनेक वीरों ने बलिदान दिए। और आप मुझे पूछ रहे हैं कि कश्मीर का राजस्थान से क्या लेना देना है।  इस मिट्टी के शहीदों की समाधियां तुम्हें बताएगी कि राजस्थान का कश्मीर से क्या वास्ता है।

कांग्रेस का इतिहास ही नहीं इरादे भी खतरनाक
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सत्ता से दूर होकर कांग्रेस कि सोच इतनी संकुचित हो गई है कि यह लोग महाराणा प्रताप की धरती से पूछते हैं कि कश्मीर का बाकी देश से क्या लेना-देना। आपक कल्पना करिए कि जब विपक्ष में इनकी सोच ऐसी है तो यह सत्ता में देश की एकता और अखंडता के साथ क्या कर सकते हैं। कच्चातीवू द्वीप को श्रीलंका को सौंपने के देश विरोधी कृत्य को कांग्रेस सही ठहरा रही है। क्या कोई देश की सेवा ऐसी होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस का सिर्फ इतिहास ही खतरनाक नहीं है, इसके इरादे भी खतरनाक हैं।

1975 तक भारत के पास था कच्चातीवू
रामेश्वरम के पास स्थित कच्चातीवू द्वीप साल 1975 तक भारत के पास था। तमिलनाडु के मछुआरे वहां पर मछली पकड़ने के लिए जाया करते थे। हालांकि भारत सरकार के समझौते की वजह से अब तमिलनाडु के मछुआरे कच्चातीवू द्वीप तक मछली पकड़ने नहीं जा सकते। बता दें कि साल 1974 में इंदिरा गांधी की अगुवाई वाली तत्कालीन केंद्र सरकार ने कच्चातीवू द्वीप को लेकर श्रीलंका को सौंपने के एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

कच्चातीवू को लेकर भारत-श्रीलंका में है विवाद
बीजेपी तमिनलनाडु के प्रेसिडेंट के अन्नामलाई ने इस समझौते को लेकर जानकारी मांगी थी। इस समझौते को लेकर भारत और श्रीलंका के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। तमिलनाडु सरकार कई बार केंद्र सरकार को इस मुद्दे का स्थायी समाधान ढूंढने के लिए पत्र लिख चुकी है। हाल के कुछ साल में कच्चातीवू द्वीप के पास से मछुआरों की गिरफ्तारी बढ़ गई है। बीते एक साल में सैंकड़ों मछुआराें को गिरफ्तार किया जा चुका है। बाद में केंद्र सरकार के दखल के बाद इनकी रिहाई हो पाती है।

सम्बंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button