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ऑनलाइन ट्रैकिंग और डेटा चोरी की, तो लगेगा 200 करोड़ का जुर्मान, होगी जेल

देश में लोग जैसे-जैसे तेजी से डिजिटल की ओर बढ़ रहे है वैसे ही ऑनलाइन ठगी के मामले भी तेजी से सामने आते रहे है। ऑनलाइन ठगी की वजह डेटा के संरक्षण को जिम्मेदार माना जा रहा है। इसका फायदा टेक्नोलॉजी कंपनियां कंज्यूमर डेटा को बिना किसी इजाजत के इस्तेमाल कर रही हैं, लेकिन अब ऐसा करना भारी पड़ सकता है, क्योंकि अब केंन्द्र सरकार ने कमर कस ली है।

दरअसल, केंद्र सरकार ऑनलाइन ट्रैकिंग और डेटा चोरी करने वालों के खिलाफ एक नया नियम लेकर आ रही हैं। इस संबंध में केंन्द्र सरकार नए डेटा सुरक्षा बिल को संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश करेगी। सरकार का दावा है कि नया बिल डेटा के दुरुपयोग को रोकने में कारगर साबित होगा। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि इस बिल से ग्राहक डेटा के दुरुपयोग को खत्म किया जा सकता है। क्योंकि नए नियम में डेटा के दुरुपयोग करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। नए बिल में डेटा चोरी और ऑनलाइन ट्रैकिंग करने वाली कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए 200 करोड़ रुपये का जुर्माना और जेल की सजा का प्रावधान किया जा सकता है।

गूगल पर लग चुका है जुर्माना

आपको बता दें कि गूलल ने अमेरिक में जांच के दौरान बताया था की वह कैसे यूजर्स को गुमराह करके उन्हें ट्रैक करती है। इसी के चलते गूगल पर 392 मिलियन डालर का जुर्मान लगाया गया था। ऐसा आरोप है कि गूगल टारगेटेड विज्ञापन के लिए यूजर्स के डेटा को ट्रैक करती है। साइबर एक्सपर्ट की माने तो लोकेशन ट्रैकिंग डेटा को सबसे संवेदनशील माना जाता है, गूगल सीमित मात्रा में लोकेशन ट्रैकिंग डेटा को साझा करता रहा है।

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