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वीर बाल दिवस पर पीएम मोदी ने कहा, शौर्य की पराकाष्ठा के समय आयु मायने नहीं रखती

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नई दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में गुरु नानक देव के पुत्र साहिबजादों की याद में आयोजित कार्यक्रम ‘वीर बाल दिवस’ में हिस्सा लिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने लगभग 300 ‘बाल कीर्तनियों’ की ओर से प्रस्तुत ‘शब्द कीर्तन’ में हिस्सा लिया।

वह 3,000 बच्चों के नेतृत्व में एक मार्च-पास्ट को भी हरी झंडी दिखाएंगे।

ऐतिहासिक अवसर पर, केंद्र ने साहिबजादों के अनुकरणीय साहस की कहानी के बारे में नागरिकों, विशेष रूप से छोटे बच्चों को सूचित करने और शिक्षित करने के लिए पूरे देश में एक भागीदारी कार्यक्रम आयोजित किया है।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, वीर बाल दिवस पर हम साहिबजादों और माता गुजरी जी के साहस को याद करते हैं। हम श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के साहस को भी याद करते हैं।

इस दिन को चिन्हित करने के लिए देश भर के स्कूलों और कॉलेजों में निबंध लेखन, क्विज कॉम्पिटिशन और अन्य गतिविधियों का आयोजन किया गया है। रेलवे स्टेशनों, पेट्रोल पंपों, हवाई अड्डों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर भी डिजिटल प्र्दशनियां लगाई गई हैं। देश भर में कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं, जहां गणमान्य व्यक्ति साहिबजादों की जीवन गाथा को सुनाया जाएगा।

इस साल की शुरूआत में, प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी कि 26 दिसंबर को, अंतिम सिख गुरु, गुरु गोबिंद सिंह के चार बेटों, साहिबजादों के साहस को श्रद्धांजलि देने के लिए वीर बाल दिवस के रूप में चिन्हित किया जाएगा।

26 दिसंबर की तारीख इसलिए चुनी गई, क्योंकि यह दिन साहिबजादों जोरावर सिंह और फतेह सिंह के शहीदी दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो मुगल सेना द्वारा सरहिंद (पंजाब) में छह और नौ साल की उम्र में मारे गए थे।

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