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लोकायुक्त ने की कार्रवाई : तीन हजार रुपये रिश्वत लेते सर्जन रंगे हाथ गिरफ्तार

ग्वालियर जिले में गवाही पलटने की एवज में तीन हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए सरकारी डॉक्टर को लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथ पकड़ा है। हालांकि, पकड़े जाने के बाद वह बहाने बनाने लगा, लेकिन लोकायुक्त पुलिस के पास पुख्ता सुबूत थे, जिनके आगे डॉक्टर को चुप होना पड़ा।

बता दें कि भिंड जिले में स्पेशलिस्ट के पद पर पदस्थ डॉ जीआर शाक्य को रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस ने पकड़ा है। क्लीनिक संचालक (झोलाछाप डॉक्टर) मुन्नालाल कुशवाह से भिंड जिले के गोहद कोर्ट में एक मामले में डॉक्टर ने बयान उसके पक्ष में देने के लिए पांच हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी, जिसमें दो हजार रुपये मुन्नालाल डॉक्टर को पहले दे चुका था। लेकिन डॉक्टर तीन हजार रुपये की और मांग कर रहे थे। डॉक्टर का कहना था कि जब तक पूरे पैसे नहीं आ जाते वे उसके पक्ष में बयान नहीं देंगे।

परेशान होकर मुन्नालाल ने लोकायुक्त पुलिस में इसकी शिकायत की। इसके बाद डॉक्टर को ट्रैप करने की योजना बनाई गई। पहले तो मुन्नालाल और डॉक्टर की बातचीत रिकॉर्ड की गई। डॉक्टर ने मुन्नालाल को अपने घर बाकी पैसे देने के लिए बुलाया।

मुन्नालाल को लोकायुक्त पुलिस टीम ने तीन हजार रुपये देकर डॉक्टर के पास भेजा। साथ-साथ पीछे से लोकायुक्त की टीम भी पहुंच गई। जैसे ही मुन्नालाल ने डॉक्टर को तीन हजार रुपये दिए, वैसे ही पहले से तैयार लोकायुक्त की टीम वहां जा पहुंची और रंगे हाथ डॉक्टर को पकड़ लिया। मामला साल 2019 का है, जब भिंड जिले के मालनपुर क्षेत्र में स्वास्थ विभाग की टीम झोला छाप डॉक्टरों पर छापामार कार्रवाई की थी। तब मुन्नालाल कुशवाह को भी वहां क्लीनिक चलाते हुए पकड़ा गया था, जिसके बाद मामला कोर्ट में चल रहा था और डॉ. जीआर शाक्य सर्जिकल स्पेशलिस्ट उसमें गवाह बनाए गए थे। 

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