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आजादी के बाद यहां पहली बार हुआ ध्वजारोहण, जानें अब तक क्यों नहीं फहराया गया था तिरंगा

नारायणपुर। आज हमारे देश में गणतंत्र राज बनने के 73 साल पूरे हो गए. इस मौके पर हम अपना 74वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं. पूरे देश में हर्षोल्लास से पर्व मनाया जा रहा है. हर स्थान में ध्वजारोहण कर लोग देश की आजादी के नायकों और अपने इन 73 साल के सफर को याद कर रहे हैं. लेकिन, क्या आपको पता है छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में एक ऐसा इलाका भी है. जहां आजादी के 75 साल बाद तिरंगा झंडा फहराया गया है. आइये जानते हैं क्यों?

पहली बार हुआ ध्वजारोहण
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित आदिवासी बाहुल्य नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ इलाके में एक गांव है जिसका नाम है ढोंडरी बेड़ा. इस स्थान में आजादी के 75 साल बाद पहली बार ध्वजारोहण किया गया है और घोर नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ के ढोंडरीबेड़ा में पहली बार शान से तिरंगा लहराया.

भारत माता के जयकारे गूंजा इलाका
आइटीबीपी की 53 वी बटालियन के असिस्टेंट कमांडेंट धर्मेंद्र सिंह ने 74वें गणतंत्र दिवस पर ढोंडरीबेड़ा पुलिस कैंप पर ध्वजारोहण किया. इस अवसर पर भारत माता के जयकारे से पूरा वातावरण गूंज उठा. पुलिस कैंप खुलने के बाद इस घोर नक्सल प्रभावित इलाके में पहली बार ग्रामीणों ने ध्वजारोहण होता देखा और भारत माता के जयकारे लगाए.

ग्रमीणों और जवानों में खुशी
नारायणपुर जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर घोर नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ के ढोंडरीबेड़ा में आजादी के बाद पहली बार 74वें गणतंत्र पर आइटीबीपी और जिला पुलिस के जवान भी ध्वजारोहण कर काफी खुश हैं. वो यहां के ग्रामीणों में शासन प्रशासन के प्रति विश्वास जागृत कर विकास करने की बात कह रहे हैं.

अब तक क्यों नहीं हुआ था ध्वजारोहण
ये इलाका घोर नक्सल प्रभावित है. इसे पहले कभी इस इलाके में नक्सल दहशत के चलते ध्वजारोहण नहीं किया जाता था. लेकिन, दो माह पहले पुलिस कैंप खुलने के बाद इलाके में सड़क पुलिया का निर्माण कार्य शुरू किया गया. इसके बाद से क्षेत्र विकास की मुख्य धारा से जुड़ गया. लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ सभी सुविधाएं मिली, जिससे काफी हद तक नक्सलियों का प्रभाल कम हुआ.

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