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गृह मंत्रालय ने कैदियों के आधार प्रमाणीकरण के लिए राज्यों को किया अधिकृत

नई दिल्ली, । केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को स्वैच्छिक आधार पर जेल के कैदियों का आधार प्रमाणीकरण करने के लिए अधिकृत किया है। इसके जरिए वो अन्य सेवाओं के अलावा स्वास्थ्य देखभाल, कौशल, व्यावसायिक प्रशिक्षण, मुलाकातियों के साथ मिलने और कानूनी सहायता प्राप्त कर सकेंगे। गृह मंत्रालय ने इसको लेकर अधिसूचना जारी की है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को अपनी अधिसूचना में कहा कि वित्तीय और अन्य लाभ और सेवाओं में सब्सिडी के लक्षित वितरण के लिए गुड गवर्नेंस (समाज कल्याण, नवाचार, ज्ञान) नियम, 2020 में आधार प्रमाणीकरण के नियम 5 के तहत यह निर्णय लिया गया है। इसमें कहा गया है कि स्वैच्छिक आधार पर जेल के कैदियों का आधार प्रमाणीकरण किया जाएगा ताकि उन्हें जरूरी सुविधाएं मिल सके।

अधिसूचना में कहा गया है कि कैदियों को अन्य बातों के साथ, विभिन्न सुविधाओं को प्रदान करने हेतु, जैसे सुधारात्मक सुधार उपाय, स्वास्थ्य, कौशल, व्यावसायिक प्रशिक्षण, मुलाकातियों के साथ मिलने, कानूनी सहायता, आदि जिनके वे हकदार हैं, उनके आधार अधिप्रमाणन निष्पादन के लिए सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के कारागार विभाग, कैदियों के आधार अधिप्रमाणन निष्पादन हेतु अधिकृत होंगे।

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