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देशभर में 500 से ज्यादा रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प, PM ने दी 41 हजार करोड़ की सौगात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार  ( 25 फरवरी ) को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) की पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि दशकों तक भारतीय रेल को ‘स्वार्थ भरी राजनीति’ का शिकार होना पड़ा, लेकिन वही आज परिवर्तन के सबसे बड़े दौर से गुजर रही है.

प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 41,000 करोड़ रुपये से अधिक की लगभग 2,000 रेलवे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद अपने संबोधन में यह बात कही. इस दौरान उन्होंने कुछ परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित भी किया.

PM मोदी ने ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत 553 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास का शिलान्यास भी किया. करीब 27 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में स्थित इन स्टेशनों का 19,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से पुनर्विकास किया जाएगा. अपने संबोधन में मोदी ने कहा, ‘‘आज रेलवे से जुड़ी 2,000 से अधिक परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है. अभी तो इस सरकार के तीसरे कार्यकाल की शुरुआत जून महीने से होने वाली है, लेकिन अभी से जिस गति और पैमाने से काम होना शुरू हो गया है, वो सबको हैरत में डालने वाला है.

PM मोदी ने कहा कि आज का भारत बड़े सपने देखता है और उन्हें पूरा करने के लिए दिन-रात एक भी कर देता है. साथ ही उन्होंने कहा, ‘‘यही संकल्प इस विकसित भारत, विकसित रेलवे कार्यक्रम में दिख रहा है.

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में सभी ने एक ‘नया भारत’ बनते देखा है और रेलवे में परिवर्तन तो साक्षात लोग अपनी आंखों से देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि जो कभी कल्पना में सोचते थे, आज अपनी आंखों से देख रहे हैं.

 

PM ने कहा कि एक दशक पहले तक ‘अमृत भारत’ जैसी आधुनिक ट्रेन की कल्पना बहुत मुश्किल थी और ‘नमो भारत’ जैसी शानदार रेल सेवा के बारे में किसी ने कभी सोचा नहीं था. दशकों तक रेलवे को हमारे यहां स्वार्थ भरी राजनीति का शिकार होना पड़ा, लेकिन अब भारतीय रेलवे देशवासियों के लिए यात्रा की सुगमता का मुख्य आधार बन रही है. जिस रेलवे के हमेशा घाटे में होने का रोना रोया जाता था, आज वह रेलवे परिवर्तन के सबसे बड़े दूर से गुजर रही है.

 

PM ने कहा कि यह सब इसलिए संभव हो पा रहा है क्योंकि भारत 11वें नंबर से छलांग लगाकर पांचवें नंबर की अर्थव्यवस्था बन गया है. उन्होंने कहा कि 10 साल पहले जब भारतीय अर्थव्यवस्था 11वें नंबर पर थी तब रेलवे का औसत बजट 45,000 करोड रुपए के आसपास रहता था. आज जब देश पांचवें नंबर की आर्थिक ताकत है. तो इस वर्ष का रेलवे बजट ढाई लाख करोड़ रुपए से अधिक का है.

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