देश

27 फीसदी ओबीसी आरक्षण मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जारी किए नोटिस, 12 मई को होगी अगली सुनवाई

मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत किए जाने से संबंधित 64 याचिकाओं की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में किए जाने की मांग करते हुए दो एसएलपी दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन तथा जस्टिस असाउद्दीन अमानुल्लाह की युगलपीठ ने इनकी प्रारंभिक सुनवाई के बाद अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिकाओं पर अगली सुनवाई 12 मई को निर्धारित की गई है।

गौरतलब है कि प्रदेश में ओबीसी आरक्षण 27 फीसदी  किए जाने के खिलाफ व पक्ष में कुल 64 याचिकाएं मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में दायर की गई थी। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान पता चला था कि सुप्रीम कोर्ट में प्रदेश सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत किए जाने के कानून को चुनौती नहीं दी गई है। सुप्रीम कोर्ट में लंबित याचिकाएं साल 2003 में ओबीसी आरक्षण के संबंध दायर नोटिफिकेशन से संबंधित हैं। हाईकोर्ट का अभिमत था कि ओबीसी आरक्षण के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में लंबित प्रकरणों के निराकरण की आवश्यकता नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में लंबित याचिका में ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत किए जाने के कानून की वैधता को चुनौती नहीं दी गई है। हाईकोर्ट ने याचिकाओं पर रोजाना सुनवाई के निर्देश दिए थे।

इसके बाद ओबीसी, एसटी-एससी एकता मंच तथा सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई थी। एसएलपी में कहा गया था कि ओबीसी आरक्षण के संबंध में साल 2014 से सुप्रीम कोर्ट में चार याचिकाएं लंबित हैं। हाईकोर्ट में ओबीसी आरक्षण संबंधित सभी याचिकाएं सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित की जाएं। सुप्रीम कोर्ट ओबीसी आरक्षण से संबंधित याचिकाओं की संयुक्त रूप से सुनवाई करे।

दायर एसएलपी में कहा गया था कि ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत किए जाने से कुल आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक होने को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिकाओं में इंदिरा साहनी प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ द्वारा आदेश का हवाला दिया गया है। दायर एसएलपी में कहा गया था कि संवैधानिक पीठ ने अपने आदेश में कहा था कि विशेष परिस्थितियों में आरक्षण की सीमा बढ़ाई जा सकती है। विशेष परिस्थितियों का न्यायिक अवलोकन करने का अधिकार सिर्फ सुप्रीम कोर्ट को होगा।

सुप्रीम कोर्ट की युगलपीठ ने प्रारंभिक सुनवाई के बाद याचिका में ओबीसी आरक्षण के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिका की सुनवाई के दौरान ओबीसी एससी एसटी एकता मंच की तरफ से सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता तथा असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज ने पैरवी की।

सम्बंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button