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लोकसभा का शीतकालीन सत्र अनिश्चित काल के लिए स्थगित, 68 घंटे-13 मिटिंग और 07 विधेयक पारित

संसद का शीतकालीन सत्र शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। 17वीं लोकसभा का दसवां सत्र 7 दिसंबर को प्रारंभ होकर 23 दिसंबर तक चला है। शीतकालीन सत्र में 13 मीटिंग्स हुई और लोकसभा सत्र 68 घंटे 42 मिनट तक चली। इस शीतकालीन सत्र की प्रोडक्टिविटी 97 प्रतिशत रही। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि इस सत्र में 9 विधेयक पेश हुए जिनमें से सात सर्वसम्मित से पास हुए हैं। सत्र के अंतिम लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि शीतकालीन सत्र के दौरान महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। किसी भी स्वस्थ लोकतंत्र में राजनीतिक दलों में मतभेद स्वभाविक है लेकिन लोकतंत्र की मजबूती के लिए स्वस्थ बहस भी सबके बीच में होनी चाहिए।

लोकतंत्र में बहस जरूरी, व्यवधान की कोई जगह नहीं

बिरला ने कहा कि मुद्दों पर सहमति और असहमति बहस के बीच सामने आ सकती है लेकिन व्यवधान किसी भी समस्या का माध्यम नहीं हो सकता। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन को सामूहिक इच्छा और आम सहमति के अनुसार चलना चाहिए। उन्होंने सदस्यों से सदन में विघटनकारी हथकंडों का सहारा नहीं लेने और लोगों के मुद्दों को उजागर करने और लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए सदन की कार्यवाही में भाग लेने की अपील की।

इन विधेयकों को पेश किया गया इस बार शीतकालीन सत्र में…

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि सत्र के दौरान 09 विधेयक पेश किए गए और 07 विधेयक पारित किए गए। इस बार समुद्री डकैती रोधी विधेयक 2019,The Appropriation (No.4) विधेयक 2022, The Appropriation (No.5) विधेयक 2022, संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ और पांचवां) संशोधन विधेयक 2022, निरसन और संशोधन विधेयक 2022, अनुदानों की अनुपूरक मांगें – 2022-2023 के लिए पहला बैच और 2019-2020 के लिए अतिरिक्त अनुदान मांगों, जो 14 दिसंबर 2022 को पारित की गईं, पर 10 घंटे 53 मिनट तक चर्चा हुई।

तीन हजार से अधिक सवाल पूछे गए और जवाब दिया

प्रश्नकाल के बारे में बताते हुए लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि सत्र के दौरान सदन में तीन हजार से अधिक सवालों के जवाब दिए गए। नियम 377 के तहत सार्वजनिक महत्व के 298 मामले सदन में उठाए गए जबकि शून्यकाल के दौरान लोकसभा सांसदों ने अत्यावश्यक सार्वजनिक महत्व के 374 मामलों को सदन के समक्ष रखा। बिरला ने बताया कि स्थायी कमेटीज ने सदन के समक्ष 36 रिपोर्ट्स दीं। साथ ही 43 स्टेटमेंट्स सदन में प्रस्तुत किया गया जिसमें सदन के कार्य पर संसदीय मामलों के दो स्टेटमेंट्स शामिल रहे। पूरे शीतकालीन सत्र के दौरान सदन के पटल पर 1811 पेपर्स रखे गए।

इन मुद्दों पर चर्चाएं भी हुई

ओम बिरला ने बताया कि अल्पकालीन चर्चाएं भी सदन में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर हुई। इनमें भारत में खेलों को बढ़ावा देने की आवश्यकता और इस संबंध में सरकार द्वारा उठाए गए कदम पर चर्चा के लिए महज दो घंटे समय आवंटित था लेकिन यह करीब 8 घंटे छह मिनट में समाप्त हुई। इसी तरह भारत में नशीली दवाओं के दुरुपयोग की समस्या और सरकार द्वारा उठाए गए कदम पर 7 घंटा 13 मिनट तक चर्चा हुई। इस मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 21 दिसंबर को जवाब दिया।

59 गैर सरकारी सदस्यों ने पेश किए विधेयक

लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि शीतकालीन सत्र के दौरान गैर सरकारी सदस्यों ने 59 विधेयक पेश किए। इसके अलावा गोपाल चिनय्या शेट्टी द्वारा लोक प्रतिनिधित्व (संशोधन) विधेयक 2019 (नई धारा 29AA की प्रविष्टि) पर चर्चा 9 दिसंबर, 2022 को जारी रही लेकिन यह पूरी नहीं हो सकी। रेडडेप्पा नालकोंडा गारी द्वारा रेलवे स्टेशनों के सौंदर्यीकरण और आधुनिकीकरण के संकल्प पर चर्चा हुई लेकिन पूरी नहीं हो सकी।

जी-20 पर सेंसिटाइजेशन प्रोग्राम्स

स्पीकर ओम बिरला ने बताया कि सत्र के दौरान सांसदों के लिए जी-20 पर सेंसिटाइजेशन प्रोग्राम्स का भी आयोजन किया गया। इसी के तहत जिम्बाब्वे के संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने भी सत्र के दौरान विजिट किया। जिम्बाब्वे के नेशनल असेंबली के संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने वहां के स्पीकर एडवोकेट जैकब मुंडेंडा के नेतृत्व में 8 दिसंबर को लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात की थी। इसके अलावा, सामाजिक मंत्रालय द्वारा भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (ALIMCO) उत्पादों की एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।

संसद आतंकी हमले की बरसी पर श्रद्धांजलि

शीतकालीन सत्र के दौरान 13 दिसंबर को राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़, पीएम नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सहित मंत्रियों और संसद सदस्यों ने 13 दिसंबर 2001 को आतंकवादी हमले से संसद की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सुरक्षा बलों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

संसद में लंच में बाजरा परोसा गया

लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि बीते 20 दिसंबर को सत्र के दौरान लंच में सदस्यों ने बाजरे के व्यंजन का लुत्फ उठाया। बाजरे के व्यंजनों का उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पीएम नरेंद्र मोदी सहित मंत्रियों व सांसदों ने स्वाद चखा। दरअसल, संसद में बाजरा के व्यंजन परोसे गए क्योंकि भारत 2023 को बाजरा के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष के रूप में मनाने की तैयारी कर रहा है।

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