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21 मई को क्यों मनाया जाता है विश्व ध्यान दिवस, जानें इसके पीछे का इतिहास

नई दिल्ली: 

World Meditation Day 21 May : सुख-दुख का आना-जाना तो जीवनभर लगा रहता है, मगर अधिकतर लोग दुख के दिनों में बहुत ज्यादा निराश हो जाते हैं, नकारात्मक सोचने लगते हैं, और अंदर ही अंदर घुंटने लगते हैं, लेकिन ऐसा करने से जीवन और भी ज्यादा मुश्किल हो जाता है. आपके सामने मौजूद परेशानियां और रौद्र रूप ले लेती हैं. ऐसे में इन मुश्किलों से बचने के लिए दिमाग को बातों-विचारों से होने वाले तनाव को साफ कर, खुद को आराम देने की जरूरत है. और इसका सबसे अच्छा तरीका है, अपनी व्यस्त दिनचर्या में कुछ समय निकालकर ध्यान करना. ध्यान करने से हम खुद को शांत रखना सीखते हैं. ध्यान हमारे मन के तनाव को कम करता है, साथ ही ये इंसान का फोकस भी बढ़ाता है.

बता दें कि कल यानि 21 मई को दुनिया भर में हर साल विश्व ध्यान दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस के माध्यम से आम लोगों के बीच ध्यान करने का महत्व को स्पष्ट रूप से समझाया जाता है. साथ ही इस अवसर पर ध्यान करने को लेकर जागरूकता भी फैलाई जाती है. इस भागदौड़ भरी जिंदगी में आंतरिक शांति और कल्याण प्राप्त करने के लिए ध्यान का महत्व पहचानना बेहद जरूरी है. न सिर्फ भारत, बल्कि बाहर के देशों में भी ध्यान को लेकर कई अध्ययन हुए हैं, जिनमें ध्यान करने वालों में कॉर्टिकल थिकनेस में उल्लेखनीय वृद्धि का जिक्र किया गया है, लिहाज़ा ये साफ तौर पर कहा जा सकता है कि रोज ध्यान करना हमारी जीवन में एक प्रभावी बदलाव लाने में कारगर है. ऐसे में आइये जानते हैं माइंड हेल्थ को मजबूती देने वाले कुछ मेडिटेशन स्टेप्स के बारे में.

शांत वातावरण: हो हल्ला से दूर, शांत और आरामदायक वातावरण ध्यान के लिए सबसे बेहतरीन स्थान है. उस स्थान पर जहां किसी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स न हो, किसी की आवाजाही न हो. ऐसी जगह ध्यान करना अच्छा है.

कैसे करें ध्यान: सर्व प्रथम आंखें बंद करलें, फिर शरीर को ढीला छोड़ आराम दें. खुद को स्ट्रेस फ्री कर लें. अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें. गहरी सांस लें और गहरी सांस छोड़ें. हवा के गुजरने की अनुभूति को महसूस करें. चेस्ट के फैलने और सिकुड़ने पर ध्यान दें. शरीर में हो रहे हलचल से अवगत रहें. इस दौरान हो सकता है कि आपके दिमाग में बहुत सारी बातें चलती रहें, ऐसे में जानबूझकर सोचना बंद न करें, बल्कि विचारों पर किसी प्रकार का दवाब नहीं दें. विचारों को स्वीकार करें. ध्यान केंद्रित करने के लिए ओम का उच्चारण भी कर सकते हैं.

अभ्यास: अगर आप नियमित तौर पर कम से कम 15 मिनट ध्यान करेंगे. धीरे-धीरे आपका दिमाग एकाग्र होने लगेगा और एक-दो सप्ताह में ही आपके
शरीर और दिमाग पर इसका प्रभावी असर दिखेगा. इसलिए हर दिन अभ्यास जारी रखें.

विश्व ध्यान दिवस का इतिहास

ध्यान करने की उत्पत्ति 1500 ई.पू. हमारे भारत में हुई थी, जहां कई प्राचीन ग्रंथों में इसका उल्लेख किया गया था. मिली जानकारी के मुताबिक ध्यान की जड़ें प्राचीन चीन में भी पाई जाती हैं.

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