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सर्दियों में इस तरीके से खाएंगे गुड़ तो फेफड़ों की सारी गंदगी हो जाएगी साफ

भारत के कई शहरों में प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है। दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरोंं में प्रदूषण कई बार खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है। ये प्रदूषण लोगों की सेहत खराब कर रहा है। अब सर्दियों का मौसम शुरू होने वाला है। बता दें कि सर्दियों के मौसम में इम्यून सिस्टम के कमजोर हो जाने से लोग आसानी से संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं। सेलेब्रिटी डायटीशियन और राइटर Luke Coutinho के अनुसार, ठंड और प्रदूषण सबसे ज्यादा फेफड़ों के लिए खतरनाक हैं। इससे फेफड़ों और सांस से जुड़ी कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। फेफड़ों में गंदगी भरने से सांस लेना मुश्किल हो सकता है। इससे कई गंभीर रोग हो सकते हैं। ऐसे में फेफड़ों को साफ करने पर ध्यान देना चाहिए। सर्दियों में लोग गुड़ खाते हैं।

गुड से साफ हो सकते है। फेफड़े
डायटीशियन Luke Coutinho के अनुसार,सर्दियों में लोग अपने खान-पान में बदलाव करके फेफड़ों को स्वस्थ और मजबूत बना सकते हैं। इसके लिए आप अपनी डाइट में गुड़ शामिल कर सकते हैं। गुड़ सांस या फेफड़ों से जुड़े विकारों के लिए असरदार टॉनिक की तरह काम करता है। डायटीशियन ने NCBI पर प्रकाशित एक शोध का उदहारण देकर बताया कि गुड़ एक ऐसा खाद्य पदार्थ है, जो फेफड़ों को अंदर तक साफ कर सकता है। इसमें कार्बन कणों को बदलने की क्षमता है, जो आपके फेफड़ों की एल्वियोली में फंस सकते हैं। यह फेफड़ों में जमा प्रदूषण को बाहर निकालता है।

फेफड़ों में गंदगी से हो सकती है ये बीमारियां
फेफड़ों में गंदगी भरने से अस्थमा, सीओपीडी, निमोनिया, फेफड़ों का कैंसर, फेफड़ों में इन्फेक्शन और फेफड़ों में पानी भरना जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। वहीं गुड़ का सेवन फेफड़ों को साफ करके ब्रोंकाइटिस, घरघराहट, अस्थमा और अन्य श्वास संबंधी विकारों से आपकी रक्षा कर सकता है। यही वजह है कि कोयला खनन या धूल-मिट्टी जैसी जगहों पर काम करने वालों को गुड़ दिया जाता है।

फेफड़ों को साफ करने के लिए ऐसे खाएं गुड़
डायटीशियन ने बताया कि आप अपने फेफड़ों को साफ करने के लिए 3 तरीके से गुड़ का सेवन कर सकते हैं। आप गुड़ की चाय पी सकते हैं। इससे आप बीमारियों की जड़ चीनी से बच सकते हैं। वहीं दूसरा तरीका यह है कि आप गुड़, घी और काली मिर्च के मिश्रण से लड्डू बना लें और इन्हें खाएं। तीसरा तरीक यह है कि आप खाने के बाद गुड़ को सीधे रूप से खाएं। ध्यान रहे कि हमेशा केमिकल फ्री गुड़ का इस्तेमाल करें और बच्चों को ज्यादा खाने को न दें।

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