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जबलपुर की मुस्कान बनेगी यूरोपीय देश माल्टा के परिवार की रौनक

जबलपुर . मुस्कान (बदला हुआ नाम) जब दो माह की थी, तब वह मातृछाया में आई थी। अब वह डेढ़ साल की हो गई है। हर कोई उसे दुलारता है। उसकी मुस्कान ने यूरोपीय देश माल्टा के दंपती को भी मोह लिया है। वे उसे गोद लेना चाहते हैं। यह प्रक्रिया जिला कलेक्टर न्यायालय की स्वीकृति के बाद पूरी की जाएगी। इसमें कई तरह की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।

स्वीकृति जरूरी
पिछले साल मार्च में स्पेन और न्यूजीलैंड के नागरिकों ने भी बच्चों को गोद लिया था। महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से ऐसे प्रकरणों में जिला कलेक्टर न्यायालय से स्वीकृति के बाद गोद लेने वाले दंपती को सौंप दिया जाता है। बीते वित्तीय वर्ष में 13 बच्चों को गोद लिया गया। इसमें से दो बच्चे विदेश में हैं।

यह है स्थिति
●मातृछाया सेवाभारती में रखे जाते हैं छह वर्ष तक के बच्चे।

●अनाथ बालिकाओं को राजकुमारी बाई बाल निकेतन व लाड़ली बसेरा में रखा जाता है।

●बालकों को शासकीय बालगृह और जागृति सेंटर में मिलती है छत।

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