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कोरोना के कारण अपने माता-पिता को खो चुके बच्चो के साथ शिवराज मनाएंगे दिवाली, कहा- वह मेरे परिवार का अभिन्न अंग

2 साल कोरोना वायरस से जूझने के बाद भारत में इस बार दिवाली खुले तौर पर मनाई जा रही है। कोरोना महामारी के दौरान देश के कई बच्चों ने अपने माता-पिता या दोनों में से किसी एक को खो दिया था। कई राज्यों की सरकारों ने बच्चों की परवरिश की व्यवस्था की है। इन सब के बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ी बात कही है। शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मैं इस बार दीपावली अपने उन बच्चों के साथ मनाऊंगा, जिन्होंने कोरोना महामारी के दौरान अपने माता-पिता या दोनों में से किसी एक को खो दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि ये काफी खुशी की बात है कि हम उनके साथ त्यौहार को साझा कर रहे हैं।

अपने बयान में शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना के कारण अपने माता-पिता को खो चुके बच्चे अब मेरे बच्चे हैं। मेरे परिवार का अभिन्न अंग हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों के साथ दीपावली का यह पावन पर्व मैं निवास पर मनाऊंगा, जिसमें भोपाल सहित आसपास के सभी बच्चे सम्मिलित होंगे। मेरे बच्चों, मेरे होते हुए आप स्वयं को कभी भी अकेला मत समझना। इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का आशीष, स्नेह हमेशा मध्यप्रदेश के साथ रहा है। जब वे उज्जैन आए थे तो उन्होंने इस भव्य, दिव्य, अलौकिक स्थान को देखकर विचार व्यक्त किया था कि महाकाल महालोक बहुत अद्भुत है। उनकी भावनाओं के अनुरूप अब नवनिर्मित परिसर श्री महाकाल महालोक ही कहलाएगा।

इसके अलावा आज मध्य प्रदेश के सतना में आयोजित प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण के अंतर्गत 4.5 लाख लाभार्थियों के ‘गृह प्रवेशम्’ कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी के कर कमलों से संपन्न हुआ। इस मौके पर शिवराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहनों को घर में ही जल मिल सके, इसके लिए जल जीवन मिशन की शुरुआत की, लेकिन तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने प्रदेश में योजना को शुरू ही नहीं की। हमने सरकार में आते ही इसकी शुरुआत की। उन्होंने कहा कि चित्रकूट में मंदाकिनी नदी के घाटों का क्षरण रोकने के लिए 31.80 करोड रुपए की योजना बनी है। मंदाकिनी नदी में नर्मदा मैया का पानी जाए, उसके लिए भी एक महत्वाकांक्षी योजना पर हम काम कर रहे हैं।

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