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MP में फिर एक रिश्वतखोर अधिकारी धराया: इंस्पेक्टर को 40 हजार घूस लेते हुए लोकायुक्त ने दबोचा, सेवा बहाली के लिए मांगे थे 80 हजार

मध्य प्रदेश में आए दिन रिश्वतखोर अधिकारी और कर्मचारी पकड़ा रहे हैं। इसी कड़ी में शनिवार को धनतेरस के दिन गुना में ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। सहकारिता निरीक्षक को 40 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है। निरीक्षक ने सेवा बहाली के लिए 80 हजार रुपए मांगे थे।

ग्वालियर लोकायुक्त के इंस्पेक्टर कवींद्र सिंह चौहान ने बताया कि जगदीश बैरागी विपणन सहकारी समिति बमोरी के प्रबंधक हैं। विशाल किरार लघुपज सहकती समिति फतेहगढ़ के प्रबंधक हैं। विशाल किरार के पहले अतीक कुरेशी समिति प्रबंधक के पद पर पदस्थ थे। उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गईं थी। इसके बाद उनकी सेवाएं फिर से बहाल कर दी गईं। अतीक कुरेशी ने एक प्रकरण विशाल किरार के खिलाफ सहकारिता एक्ट की धाराओं में लगाया था।

सहकारिता निरीक्षक आरके गांगिल ने उस दावे में विशाल के पक्ष में फैसला कराने और अतीक कुरेशी की सेवा बहाली के आदेश को निरस्त कराने के लिए 80 हजार रुपए की मांग की थी। इसमें से पहली किश्त के रूप में 40 हजार रुपए वह पहले ही ले चुके थे। बाकी 40 हजार रुपए के लिए लगातार दवाब बना रहा था। 10 अक्टूबर को आवेदक ने इसकी शिकायत ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस को की थी।

शनिवार को आवेदक द्वारा 40 हजार रुपए देने का तय हुआ। लोकायुक्त ने इसके लिए आवेदक को केमिकल लगे नोट दिए। दोपहर 1:30 बजे के आसपास जैसे ही आवेदक ने सहकारिता निरीक्षक को रिश्वत की राशि दी, तुरंत लोकायुक्त की टीम ने दबिश देकर उसे रंगे हाथों पकड़ लिया।

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