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केजरीवाल ने GST को ED के दायरे में लाने के फैसले को वापस लेने की मांग की

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि हाल ही में केंद्र सरकार ने जीएसटी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दायरे में शामिल कर लिया है, जिसका दुरुपयोग किया जा सकता है और निर्दोष व्यापारियों को जेल में डाला जा सकता है। भले ही वे समय पर कर का भुगतान कर रहे हों। इसलिए इसेे वाापस लेना चाहिए

केजरीवाल ने ट्विटर पर कहा कि व्यापारियों का एक बड़ा समूह वस्तु एवं सेवा कर का भुगतान नहीं करता है – कुछ मजबूरी से, कुछ जानबूझकर और केंद्र सरकार के इस कदम से स्थिति और खराब हो जाएगी।

उन्होंने आरोप लगाया, ”कुछ दिन पहले केंद्र सरकार ने जीएसटी को भी ईडी में शामिल कर लिया। इसका मतलब यह है कि अगर कोई व्यापारी जीएसटी नहीं देगा, तो ईडी उसे सीधे गिरफ्तार कर लेगी और जमानत नहीं मिलेगी।”

उन्‍होंने ट्वीवी किया कि जीएसटी प्रणाली इतनी जटिल है कि जो लोग पूरा जीएसटी चुका रहे हैं, उन्हें भी कुछ प्रावधानों में फंसाया जा सकता है और जेल में डाला जा सकता है। इसका मतलब है कि केंद्र सरकार जब चाहे किसी भी कारोबारी को जेल भेज सकती है।”

केजरीवाल ने कहा कि यह बेहद खतरनाक है, क्योंकि व्यापार करने के बजाय व्यापारियों का ध्यान खुद को ईडी से बचाने पर केंद्रित होगा। उन्होंने कहा कि देश में छोटे स्तर के व्यापारी भी इस जाल में फंसेंगे और किसी भी व्यापारी को बख्शा नहीं जाएगा।

उन्होंने ट्वीट किया, “यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत खतरनाक है। आज जीएसटी काउंसिल की बैठक है। मुझे उम्मीद है कि हर कोई इस कदम के खिलाफ बोलेगा और केंद्र सरकार को इसे तुरंत वापस लेना चाहिए।”

केंद्र ने फर्जी बिलिंग के माध्यम से कर चोरी को रोकने के लिए जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के दायरे में लाया है।

इससे ईडी को अधिक शक्ति मिलेगी और ईडी को जीएसटीएन के साथ जानकारी साझा करने की अनुमति मिलेगी।

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