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नवंबर में भी बरसेंगे बदरा, पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से तापमान में गिरावट होगी

मध्यप्रदेश में ठंड ने दस्तक दे दी है। प्रदेशवासियों को इस साल ठंड के साथ ही बारिश से भी जूझना पड़ेगा। अगले 24 घंटों में पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होते ही प्रदेश के मौसम में बदलाव के आसार मौसम विज्ञान केंद्र भोपाल ने जताए हैं। वेस्टर्न डिस्टबेंस के चलते जहां हवा के रूख में बदलाव होगा तो वहीं, रात के तापमान में भी गिरावट दर्ज होगी। विक्षोभ के असर के चलते प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश होने की आशंका है। वहीं, यदि बारिश होती है तो रबी की फसलों को नुकसान होगा।

बीते 24 घंटो की बात करें तो प्रदेश के अधिकांश जिलों में मौसम शुष्क रहा। मौसम विभाग ने फिलहाल आगामी दो दिनों तक मौसम में विशेष परिवर्तन होने के आसार व्यक्त नहीं किए हैं। हालांकि तापमान में गिरावट का क्रम जारी है। मंगलवार को रायसेन, खरगोन, खंडवा, मंडला और छिंदवाड़ा में सबसे कम 12 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। जो कि सोमवार से एक डिग्री ज्यादा रहा।

अगले सप्ताह से बढ़ेगी ठंड
मौसम विभाग ने आगामी 6 नवंबर के बाद प्रदेश के तापमान में और गिरावट होने के आसार व्यक्त किए हैं। इससे ठंड में भी बढोतरी होगी। मौसम विभाग ने नवंबर में अधिकतम तापमान 25 से 30 डिग्री और न्यूनतम 12 से 18 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना व्यक्त की है। वहीं, आने वाले दिनों में दो नए सिस्टम भी एक्टिव होने के संकेत मिले हैं, जिसके असर से ग्वालियर-चंबल और भोपाल-इंदौर संभाग के जिलों में बारिश होने के आसार हैं।

मौसम विभाग के अनुसार नया वेदर सिस्टम एक्टिव होने से प्रदेश के ग्वालियर चंबल संभाग में हल्की बारिश हो सकती है, भोपाल इंदौर में बादल छाए रहने के आसार बनेंगे। आठ नवंबर को नया वेदर सिस्टम पश्चिमी उत्तर प्रदेश से मध्यप्रदेश में प्रवेश करेगा, जिससे ग्वालियर में बारिश होने की आशंका है तो वहीं, इंदौर-भोपाल में हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। आठ नवंबर के बाद उत्तरी हवाओं का असर भी प्रदेश में देखने को मिलेगा, जिससे प्रदेश के तापमान में गिरावट दर्ज होगी।

7 नवंबर के बाद पड़ेगी कड़ाके की ठंड
मौसम विभाग के अनुसार वर्तमान में पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान और उससे लगे जम्मू कश्मीर पर ट्रर्फ के रूप में बना है, जिसका असर प्रदेश के मौसम पर नहीं पड़ रहा है, लिहाजा प्रदेश का मौसम फिलहाल शुष्क बना है, लेकिन तीन नवंबर से वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कारण रात के तापमान में बढोतरी होगी, वहीं, सात नवंबर से तापमान में गिरावट आएगी। मध्यप्रदेश में सात-आठ नवंबर से कड़ाके की ठंड पड़ने लगेगी।

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