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भ्रष्टों के खिलाफ काम करने वाली संस्थाओं को रक्षात्मक होने की जरूरत नहीं: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि भ्रष्ट और भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करने वाली एजेंसियों और अधिकारियों को अपना काम करते समय डरने या रक्षात्मक होने की जरूरत नहीं है।

सतर्कता जागरूकता सप्ताह के मौके पर यहां विज्ञान भवन में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचारियों को किसी भी कीमत पर बचना नहीं चाहिए और उन्हें राजनीतिक या सामाजिक सुरक्षा नहीं मिलनी चाहिए।

उन्होंने कहा, “भ्रष्टाचार एक ऐसी बुराई है जिससे हमें दूर रहना चाहिए..हम पिछले आठ वर्षों में ‘अभाव’ और ‘दबाव’ द्वारा बनाई गई व्यवस्था को बदलने की कोशिश कर रहे हैं।”

पीएम मोदी ने कहा कि सभी सरकारी एजेंसियों को भ्रष्टाचार की व्यवस्था और परंपरा को बदलने के लिए काम करना चाहिए क्योंकि भारत आजादी के 75 साल मना रहा है।

उन्होंने कहा कि देश को प्रशासनिक पारिस्थितिकी तंत्र में भ्रष्टाचार के लिए “शून्य सहिष्णुता” रखने की आवश्यकता है और यह एक विकसित भारत के विचार के लिए काम करेगा।

प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि भ्रष्टाचार विरोधी प्रयासों पर सरकारी विभागों की रैंकिंग की जानी चाहिए और अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के लंबित मामलों का फैसला समय पर किया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में “आत्मनिर्भर” भारत के लिए काम कर रही है और इसके परिणामस्वरूप भ्रष्टाचार के मामलों में कमी आई है।

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