क्रीड़ा अधिकारी ने नेशनल खिलाड़ी को जड़ा थप्पड़, थाने पहुंची शिकायत, जानें क्या है मामला
राजगढ़ जिला जहां खेल एवं युवा कल्याण विभाग के कार्यक्रम कब शुरू और कब खत्म हो जाते हैं इसका अंदाजा लगा पाना मुश्किल होता है। यहां वर्षों से जमीं खेल अधिकारी शर्मिला डाबर का एकतरफा राज है, जिसे न तो तत्कालीन कांग्रेस सरकार खत्म पर पाई और न ही वर्तमान सरकार। यहां खेल अधिकारी की दबंगई की चर्चा भी जोरो पर है। इसका एक ताज़ा उदाहरण नेशनल खिलाड़ी को थप्पड़ जड़ने का मामला प्रकाश में आया है, जिसकी शिकायत हाल ही में खिलाड़ियों ने ब्यावरा थाने में की है।
जानकारी के मुताबिक 22 फरवरी को ब्यावरा के पीजी कॉलेज में अभ्यास कर रहे छात्रों ने जिला खेल अधिकारी शर्मिला डाबर पर नेशनल प्लेयर को थप्पड़ मारने के आरोप लगाए हैं, जिसकी शिकायत संबंधित खिलाड़ियों ने ब्यावरा शहरी थाने में भी दर्ज कराई है। इसमें उल्लेख किया गया है कि हम सभी खिलाड़ी एकलव्य स्पोर्ट्स अकादमी जो पीजी कॉलेज मैदान परिसर में निशुल्क कबड्डी, फुटबॉल, वॉलीबॉल का अभ्यास प्रतिदिन करते हैं।
दिनांक 22 फरवरी 2024 को शाम के समय हम सब अभ्यास के लिए मैदान पर पहुंच थे। यहां हमारा कबड्डी मेट और अन्य खेल सामग्री रखने का रूम है। हम जब वहां पहुंचे तो खेल विभाग के संभाग अधिकारी उर्मिला डाबर उनके साथ खेल विभाग ब्यावरा के समन्वयक सोहन व राजकुमार प्रजापत्ति एवं अन्य लोग यहां आ गए। उन्होंने पूछा कि कबड्डी बेडरूम की चाबी कहां हैं, तो हमने कहा कि हमारे पास चाबी नहीं है, सर के पास है। इसके पश्चात उन्होंने तुरंत वहां से कबड्डी रूम पहुंचकर गेट का ताला तोड़ा और कबड्डी मेट और अन्य खेल सामग्री निकालकर लेकर गए। जब खिलाड़ियों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो उनको थप्पड़ मारकर धक्का दे दिया और गाली गलौज की। उक्त मामले को लेकर सभी खिलाड़ियों ने उचित कार्रवाई की मांग की है।
गौरतलब है कि जिला खेल अधिकारी शर्मिला डाबर का इस तरह का व्यवहार पहली मर्तबा नहीं है, बल्कि इसके पूर्व में भी उन पर अपने व्यवहार को लेकर आरोप लग चुके हैं, लेकिन उन पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
सूत्रों की माने तो वर्षों से एक ही जगह रहते हुए उन्होंने राजनीति में भी अपनी अच्छी पकड़ बनाई है, जिसके चलते वे वर्षों से एक ही जिले में कार्यरत हैं और उनकी मनमानी भी लगातर जारी है, जैसा कि उक्त मामले में हुआ है, जिसका एक वीडियो भी खिलाड़ियों ने उपलब्ध कराया है।
वहीं, उक्त मामले में खेल अधिकारी शर्मिला डाबर का कहना है कि में उस दिन वहां गई थी। राम भील को मैसेज डालकर वहां का ताला तोड़ा और हमारा सामान निकालकर दूसरा ताला वापस लगा दिया और उसकी चाबी उसके भाई को सौंप दी। रही बात किसी को थप्पड़ मारने की तो ये आरोप बेबुनियाद है। इस तरह का कोई घटनाक्रम नहीं हुआ।