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संदेशखाली मामले में बड़ा एक्शन! नींद से जागी ममता सरकार, 50 से ज्यादा गरीबों की जमीन लौटाई गई

संदेशखाली में हिंदू महिलाओं के साथ दुराचार करने के और राशन घोटाला के आरोप में पिछले 50 से ज्यादा दिनों से फरार चल रहे टीएमसी नेता शाहजहां शेख के खिलाफ एक्शन हुआ है। विपक्षी नेता और स्थानीय लोगों द्वारा पिछले कई दिनों से जारी प्रदर्शन का असर अब दिखने लगा है। एक ओर ममता बनर्जी ने जहां इस मामले में चुप्पी साध रही है तो दूसरी ओर संदेशखाली को लेकर इतना बवाल मचा कि अब प्रशासन पूरी तरह से नींद से जाग चुका है और जिन गरीबों की जमीन को शेख और उसके पोषित गुंडों ने हथिया लिया था उन्हें न्याय मिलना शुरू हो गया है। लगातार की जा रही मांग के बाद अब एक्शन हो रहा है और जमीन के असली मालिक को जमीन लौटाई जा रही है। खबर मिलने तक तक संदेशखाली में 61 गरीब लोगों को जमीन लौटा दी गई है।

संदेशखाली में प्रदर्शन जारी

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने पिछले दिनों प्रेस कांफ्रेंस में टीएमसी नेता शाहजहां शेख पर बड़ा आरोप लगाया था। इस दौरान उन्होंने बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर भी उसे बचाने का आरोप लगाया। उसी प्रेस कांफ्रेंस के बाद यह मामला राष्ट्रीय फलक पर पहुंचा और मेन स्ट्रीम मीडिया ने स्थानीय लोगों के आवाज को देश में पहुंचाने का काम किया। इस मामले पर रिपोर्टिंग कर रहे एक पत्रकार को गिरफ्तार कर बंगाल पुलिस ने आवाज दबाने की कोशिश की लेकिन वो सफल नहीं हुए।

ममता बनर्जी के करीबी माने जाने वाले टीएमसी नेता शाहजहां शेख और उसके समर्थकों पर आरोप है कि उन्होंने गरीबों की जमीनों पर कब्जा किया और हिंदू महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया। इसके बाद से ही संदेशखाली को लेकर संग्राम जारी है। सरकारी कैंप में गरीबों की जमीन पर कब्जा किए जाने की शिकायत मिलने के बाद से प्रशासन जांच में जुटा है। 22 से 24 फरवरी के बीच की गयी जांच के क्रम में 61 लोगों को जमीन का मालिकाना हक लौटाया गया है।

क्यों मचा है संदेशखाली में बवाल

दरअसल, संदेशखाली में बड़ी संख्या में हिंदू महिलाओं ने तृणमूल नेता शाहजहां शेख और उसके पोषित गुंडों पर जबरन जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि बंगाल पुलिस की मिलीभगत के कारण कई महीनों तक इनकी आवाज को दबाया गया। शिकायत को दर्ज नहीं किया गया। कम उम्र को महिलाओं को चिन्हित करके उन्हें घर से उठाया गया।

इस तरह के कई मामले को लेकर ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन जारी है। इसके अलावा जब 5 जनवरी को राशन घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों की एक टीम पर शेख के घर गई तो उस समय हमला किया गया। इस हमले में तीन अधिकारी जख्मी हो गए थे। इसके बाद से ही शाहजहां शेख फरार है।

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