घी या तेल… कब, कौनसा दीपक जलाने का मिलता है ज्यादा फायदा?
सनातन धर्म में पूजा-पाठ में दीपक जलाना एक अहम कार्य होता है. यह अग्नि तत्व की उपस्थिति को दर्शाता है. पूजा-पाठ के अलावा खास मौकों पर भी दीपक जलाया जाता है. धर्म के साथ-साथ वास्तु शास्त्र में भी दीपक जलाने के कई फायदे बताए गए हैं. यदि सही समय पर, सही दिशा में सही विधि से दीपक जलाया जाए तो यह बहुत लाभ देता है. जिस तरह हर देवी-देवता के अलग-अलग फल, भोग, फूल, मंत्र आदि हैं, वैसे ही हर देवी-देवता को प्रसन्न करने के लिए अलग-अलग तरह के दीपक भी बताए गए हैं. जैसे घी का दीपक, सरसों के तेल का दीपक, तिल के तेल का दीपक आदि.
कब घी का दीपक जलाएं और कब तेल का?
दीपक जलाने के बहुत फायदे हैं, दीपक जलाने से माहौल में सकारात्मकता आती है. लेकिन यह सवाल मन में आना लाजिमी है कि कब कौनसा दीपक जलाना चाहिए. यानी कि पूजा में घी का दीपक जलाएं या तेल का दीपक जलाएं. ताकि दीपक जलाने का पूरा लाभ मिले. घी का दीपक जलाने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं.
– हिंदू धर्म में गाय को बेहद पवित्र और पूजनीय माना गया है. साथ ही गाय के दूध, गाय के घी को भी बहुत पवित्र माना गया है. इसलिए पूजा-अभिषेक, भगवान का भोग बनाने में गाय के दूध और गाय का घी इस्तेमाल करना सर्वश्रेष्ठ माना गया है. इसी तरह गाय के घी का दीपक जलाना भी बहुत शुभ होता है. ऐसा करने से नकारात्मकता और वास्तु दोष दूर होते हैं. वातावरण शुद्ध होता है. घर में सुख-समृद्धि आती है. पूजा घर के अलावा शाम के समय मुख्य द्वार पर घी का दीपक जलाने से मां लक्ष्मी बेहद प्रसन्न होती हैं. घी का दीपक देवी-देवता के दायीं ओर, वहीं तेल का दीपक बायीं ओर रखना चाहिए.
– चमेली और तिल के तेल का दीपक जलाने से बजरंगबली प्रसन्न होते हैं. मंगलवार के दिन चमेली के तेल का दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें, बजरंगबली से सारे कष्ट दूर करके सुख-समृद्धि देने की प्रार्थना करें.
– शनि देव को प्रसन्न करने के लिए सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए. ऐसा करने से शनि दोष दूर होता है, शनि के कष्टों से राहत मिलती है. बाधाएं दूर होती हैं. तरक्की, सफलता, धन आने के रास्ते खुलते हैं.