वायु प्रदूषण से फेंफड़ों को ही नहीं आपकी स्किन को भी होता है ये नुकसान, ऐसे कर सकते हैं बचाव
दिल्ली-एनसीआर में इनदिनों वायु प्रदूषण ने लोगों की सांसें फुलाना शुरु कर दिया है. वायु प्रदूषण का सीधा असर इंसान के फेंफड़ों पर पड़ता है और उसे सांस लेने संबंधी कई तरह की परेशानियां होने लगती है. इसके अलावा प्रदूषण के चलते आंखों में जलन की समस्या भी पैदा हो जाती है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि वायु प्रदूषण न सिर्फ आपके फेंफड़ों को प्रभावित करता है बल्कि ये आपकी स्किन के लिए भी बेहद घातक साबित होता है. लेकिन कुछ जरूरी उपाय अपनाकर आप अपनी स्किन पर होने वाले वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम कर सकते हैं.
वायु प्रदूषण से ऐसे होता है स्किन को नुकसान
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, वायु प्रदूषक त्वचा को कई तरह से नुकसान पहुंचाता है. प्रदूषण ऑक्सीडेटिव डैमेज द्वारा स्किन में मौजूद लिपिड, डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड और प्रोटीन के कामकाज में परिवर्तन के लिए जिम्मेदार होता है. जो त्वचा की उम्र बढ़ने, सूजन, एलर्जी जैसे कॉन्टैक्ट डर्मटाइटिस, एटोपिक डर्मटाइटिस, सोरायसिस, मुंहासे, यही नहीं ये स्किन कैंसर का भी कारण बन सकता है. एक्सपर्ट का कहना है कि आपकी स्किन जितनी ज्यादा वायु प्रदूषकों के संपर्क में आएगी, स्किन की उतनी ही बीमारियां होने का खतरना बढ़ जाएगा.
जानकारों का कहना है कि स्किन का माइक्रोबायोम लाखों बैक्टीरिया, फंगी और वायरस से निर्मित होता है. जो इंसान की त्वचा पर मौजूद रहते हैं. ये बाहरी बैक्टीरिया से लड़ने और किसी भी बाहरी तत्वों के कारण होने वाली बीमारियों के प्रति इम्यूनिटी को अलर्ट करने के लिए जरूरी होता है. प्रदूषण माइक्रोबायोम को नुकसान पहुंचाता है, जिससे नुकसानदायक बाहरी बैक्टीरिया त्वचा पर हमला कर देते हैं और जिससे स्किन की कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं. प्रदूषण के पार्टिकल्स आपकी स्किन पर चिपक जाते हैं, जिससे रोम छिद्र बंद हो जाते हैं. इस तरह बैक्टीरिया त्वचा के अंदरूनी हिस्से में ट्रैप होकर इंफ्लेमेटरी एक्ने, मुंहासे और कई तरह की परेशानियां पैदा करते हैं.
इन उपायों से करें स्किन का प्रदूषण से बचाव
- अगर आप अपनी स्किन को प्रदूषण से बचाना चाहते हैं तो सबसे पहले घर से बाहर जाने से पहले त्वचा की देखभाल के कुछ जरूरी तरीके अपनाएं. क्योंकि प्रतिदिन हानिकारक वायु प्रदूषण से स्किन डैमेज हो सकती है. त्वचा और हाथों को क्लिंज करना ना भूलें. साथ ही ऑयल-बेस्ड क्लिंजर और फेस वॉश का इस्तेमाल करें. इससे स्किन साफ होती है. स्किन की बाहरी परत, पोर्स और अंदरूनी परत पर चिपकी गंदगी, धूल निकल जातीहै.
- इसके अलावा सप्ताह में दो बार स्किन को एक्सफोलिएट करें. इससे मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाने में मदद मिलती है. त्वचा केरोम छिद्रों में मौजूद प्रदूषण और गंदगी निकल जाती है. एक्सफोलिएट हल्के हाथों से सर्कुलेशन मोशन में करें, जिससे स्किन पर जलन ना हो.
- 3. साथ ही स्किन को हाइड्रेटेड रखने के लिएपानी पीते रहें. इससे त्वचा की नमी बनी रहती है. हानिकारक वायु प्रदूषक से त्वचा को सुरक्षित रखने के लिए पौष्टिक मॉइस्चराइज़र लगाएं. जिससे स्किन को प्रदूषण के प्रभाव से बचाया जा सकता है.
4. प्रदूषण से बचाने में सनस्क्रीन एक कारगर उपाय है. हालांकि इसका इस्तेमाल प्रदूषण से सीधे तौर पर योगदान नहीं करता है, क्योंकि वायु प्रदूषक यूवी किरणों के साथ प्रतिक्रिया कर सकते हैं और टॉक्सिक पदार्थों में बदल सकते हैं, जो त्वचा के लिए बहुत हानिकारक हो सकते हैं. ऐसे में जितना संभव हो यूवी किरणों से होने वाले नुकसान से बचने के लिए बेहद अच्छी क्वालिटी की सनस्क्रीन का ही इस्तेमाल करें.
5. प्रदूषण से बचने के लिए प्रतिदिन स्किन केयर रूटीन में एंटीऑक्सिडेंट को शामिल करें. इससे फ्री रैडिकल्स से होने वाले नुकसानों से स्किन को सुरक्षित रखा जा सकता है. साथ ही विटामिन सी एक बेहतर एंटीऑक्सीडेंट अवयव है. इसके नियमितसेवनऔर स्किन पर लगाने से काले धब्बे, महीन रेखाएं और झुलसी त्वचा जैसे ऑक्सीडेटिव तनाव के लक्षणों को दूर किया जा सकता है.