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RBI की बड़ी कार्रवाई, ‘इन’ दो बैंकों से पैसे निकालने पर लगाई रोक, क्या है असली मामला?

बैंकर्स के लिए एक अहम खबर सामने आई है। भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने देश के दो अहम बैंकों के खिलाफ कार्रवाई की सीमा बढ़ा दी है। बैंकों की वित्तीय स्थिति को देखते हुए आरबीआई (RBI) ने यह कार्रवाई की है। इस बीच मिली जानकारी के मुताबिक आरबीआई ने मुंबई में सर्वोदय को-ऑपरेटिव बैंक (Co-operative Bank) और उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में नेशनल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के खिलाफ कार्रवाई की है। इन बैंकों से निकासी प्रतिबंधित है। आइए जानते हैं विस्तृत जानकारी।

ग्राहक कितना निकाल सकते हैं?
भारतीय रिजर्व बैंक ने मुंबई में सर्वोदय सहकारी बैंक और उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में नेशनल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (Sarvodaya Co-operative Bank) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। इन बैंकों पर वित्तीय लेनदेन को लेकर पाबंदियां लगा दी गई हैं। अगर कोई बैंक नियमों का उल्लंघन करता है तो कार्रवाई की जाती है। इस बीच इन दोनों बैंकों पर वित्तीय लेनदेन (financial transactions) पर रोक लगा दी गई है। मिली जानकारी के मुताबिक, इनमें से एक बैंक के खाताधारक खाते (account holders) से सिर्फ 15 हजार रुपये और दूसरे बैंक के खाताधारक खाते से सिर्फ 10 हजार रुपये ही निकाल पाएंगे। ग्राहक इससे अधिक रकम नहीं निकाल सकते।

आख़िर आरबीआई ने कार्रवाई क्यों की?
इस बीच, आरबीआई ने उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में सर्वोदय सहकारी बैंक और राष्ट्रीय शहरी सहकारी बैंक लिमिटेड के खिलाफ कार्रवाई क्यों की? ऐसा सवाल हर किसी ने पूछा होगा। दोनों बैंकों की वित्तीय हालत खराब हो गई है। जानकारी दी गई है कि इसी स्थिति के चलते यह कार्रवाई की गई है। हाल ही में शिरपुर मर्चेंट्स कोऑपरेटिव बैंक के खिलाफ भी कार्रवाई की गई थी।

इस बीच इससे पहले आरबीआई ने महाराष्ट्र के कुछ बैंकों पर भी कार्रवाई की थी। हाल ही में आरबीआई ने शिरपुर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस बैंक पर निकासी पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस बैंक के खिलाफ भी इसकी खराब वित्तीय स्थिति के कारण कार्रवाई की गई है। इस बीच, यदि कोई बैंक विफल हो जाता है और RBI बैंक पर प्रतिबंध लगा देता है, तो जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (DICGC) अधिनियम के तहत, बैंक के प्रत्येक जमाकर्ता के पास 5 लाख रुपये तक का जमा बीमा कवर होता है। जिसमें उस विशेष बैंक में उनके खाते का मूलधन और ब्याज शामिल है।

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