बंगाल गवर्नर CV Ananda Bose पर यौन शोषण का आरोप: कोलकाता पुलिस ने राजभवन का मांगा CCTV फुटेज, जल्द गवाहों से होगी पूछताछ
पश्चिम बंगाल पुलिस ने राज्यपाल सी वी आनंद बोस के खिलाफ छेड़छाड़ के आरोप की जांच शुरू कर दी है। डीसी (सेंट्रल) इंदिरा मुखर्जी की अगुवाई में बनी कोलकाता पुलिस की 8 सदस्यीय विशेष जांच टीम (SIT) ने राजभवन से सीसीटीवी फुटेज मांगी है। इस बाबत शुक्रवार, 3 मई को राजभवन के ओसी को एक पत्र भेजा गया है। जांच टीम अगले कुछ दिनों में राजभवन के कर्मचारियों से भी पूछताछ करने की रणनीति बना रहे हैं।
2 मई, गुरुवार शाम को एक संविदा महिला कर्मचारी ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर छेड़छाड़ करने का आरोप लगाते हुए हरे स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद कोलकाता पुलिस ने एक स्पेशल जांच टीम गठित की है।
राजभवन में पुलिस की एंट्री बैन
संविधान के अनुसार, आर्टिकल 361 के तहत पद पर रहते हुए राज्यपाल के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज नहीं किया जा सकता है। जब राज्यपाल अपने पद से हटेगा तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ मामले की जांच की जा सकती है। राजभवन ने एक स्टेटमेंट जारी किया है। जिसमें राजभवन में पुलिस की एंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। आनंद बोस का दावा है कि उनके खिलाफ साजिश रची गई है। वह इसका सामना करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि इससे कैसे लड़ना है।
सीवी बोस ने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए पुलिस गैर कानूनी ढंग से जांच कर सकती है।
राज्यपाल बोले- अभी मुझे 1943 के अकाल का भी दोषी बताया जाएगा
राज्यपाल बोस ने और मामले सामने आने की आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि इस तरह के और भी आरोप सामने आने की उम्मीद है। लेकिन यह मामले उन्हें राज्य में भ्रष्टाचार को उजागर करने और हिंसा पर अंकुश लगाने के दृढ़ प्रयासों से नहीं रोक पाएंगे।