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भारत जोड़ो यात्रा – गांधी-नेहरू के परपोतों ने भारत को एकजुट करने के लिए मिलाया हाथ
जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (RDU) के प्रशासनिक भवन में कई बार कुछ ऐसे घटनाक्रम हो जाते हैं जो चर्चा का विषय बन जाते हैं। ताजा मामला आरडीयू कैंपस स्थित विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा शिक्षकों के अकादमिक उन्नयन के लिए स्थापित किए गए ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट सेंटर (HRDC) से जुड़ा हुआ है। जिसे कुछ समय पूर्व तक हम एकेडमिक स्टॉफ कॉलेज (ASC)के नाम से जानते थे।
दरअसल हुआ यह है कि एचआरडीसी सेंटर की वर्तमान प्रभारी डॉयरेक्टर डॉ. राजेश्वरी राणा को अगस्त माह में सेवानिवृत कर दिया जाना था। लेकिन आरडीयू के जिम्मेदार अधिकारी मैडम को सेवानिवृत्ति देना ही भूल गए, इतना ही नहीं वे तो प्रक्रिया के तहत सेवानिवृत्ति के छह माह पूर्व दिए जाना वाला नोटिस तक देना भूल गए थे। अब लापरवाही सामने आने के बाद आरडीयू के स्थापना विभाग से लेकर कुलसचिव कार्यालय तक हडकंप मचा हुआ है।
दरअसल, यूजीसी के एचआरडीसी के प्रशासनिक और स्थापना से जुडे़ कार्याे का दायित्व संबंधित विश्वविद्यालय के पास होती है। सीधे तौर पर कहा जाएं तो विश्वविद्यालय एक एजेंसी के तौर पर काम करता है जो यूजीसी से ग्रांट प्राप्त करता है और उससे सेंटर का संचालन करता है। चुंकि स्थापना से जुड़ा कामकाज भी विश्वविद्यालय के पास ही होता है लिहाजा अधिकारियों – कर्मचारियों की नियुक्ति और सेवानिवृत्ति का पूरा डाटा भी उन्ही के पास होता है।
आरडीयू में संचालित सेंटर में असिस्टेंट डायरेक्टर पद पर नियुक्ति हुई डॉ. राजेश्वरी राणा जो कि वर्तमान में प्रभारी डायरेक्टर का प्रभार देख रही हैं। उनकी सेवानिवृत्त अगस्त माह में हो जानी चाहिए थी। आरडीयू के स्थापना विभाग में उपलब्ध उनकी सर्विस बुक के मुताबिक वे अगस्त में 62 वर्ष की उम्र को पार कार रही थीं। प्रक्रिया के तहत स्थापना विभाग के अधिकारियों को जो भी अधिकारी या कर्मचारी सेवानिवृत्त होने वाला है उसे करीब 6 माह पूर्व एक नोटिस भेजा जाता है।
जिसमें संबंधित को आगाह किया जाता है कि आप 6 माह बाद सेवानिवृत्त होने वाले है लिहाजा अपनी सर्विस बुक से जुडे़ तमाम आवश्यक दस्तावेजों को अपडेट करा लें। ताकि पेंशन व अन्य भुगतान पाने में कोई कठिनाई न हो। लेकिन डॉ. राजेश्वरी राणा के मामले में ऐसा नहीं हुआ। यही नहीं अगस्त, सिंतम्बर और अक्टूबर माह बीत जाने के बाद भी स्थापना विभाग को होश नहीं आया।
नवंबर माह में जब किसी कार्य से डॉ. राजेश्वरी राणा की सर्विस बुक पलटाई गई तो यह बात सामने आयी कि मैडम को तो अगस्त माह में सेवानिवृत्त हो जाना चाहिए था और वो तो अभी भी सेवाएं दे रही हैं। तब सबके होश उड़ गए। तत्काल नोटशीट तैयार कर विभाग प्रमुख तक पहुंचायी गई, जहां से फाइल को तत्काल कुल सचिव कार्यालय भेजा गया।
कई जिम्मेदारियां निभा रही है डॉ. राणा —
डॉ. राजेश्वरी राणा एचआरडीसी में प्रभारी डॉयरेक्टर के अलावा कई और भी महत्वपूर्ण प्रभार देख रही है। उनके कंधों पर आईक्यूएसी कॉडिनेटर की भी जिम्मेदारी है मतलब नैक की वर्तमान तैयारियों को मैडम ही देख रही हैं। इसके अलावा महिला अध्ययन केंद्र की प्रभारी आचार्य, प्रभारी कम्युनिटी कॉलेज, नोडल बी वॉक कोर्स, दीक्षांत के आयोजन के लिए गठित कमेटी में सदस्य सहित महिला छात्रावास की वार्डन का दायित्व भी उन्ही के पास है।
डॉ. राजेश्वरी राणा एचआरडीसी में प्रभारी डॉयरेक्टर के अलावा कई और भी महत्वपूर्ण प्रभार देख रही है। उनके कंधों पर आईक्यूएसी कॉडिनेटर की भी जिम्मेदारी है मतलब नैक की वर्तमान तैयारियों को मैडम ही देख रही हैं। इसके अलावा महिला अध्ययन केंद्र की प्रभारी आचार्य, प्रभारी कम्युनिटी कॉलेज, नोडल बी वॉक कोर्स, दीक्षांत के आयोजन के लिए गठित कमेटी में सदस्य सहित महिला छात्रावास की वार्डन का दायित्व भी उन्ही के पास है।