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अब क्रांतिसूर्य जननायक मामा टंट्या भील के नाम से जाना जाएगा भंवरकुआं चौराहा: सीएम शिवराज

 मध्यप्रदेश। आज क्रांतिसूर्य जननायक टंट्या भील के बलिदान दिवस पर इंदौर में कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इस कार्यक्रम में पहुंचकर सीएम शिवराज ने पातालपानी में क्रांतिसूर्य टंट्या मामा भील के चरणों में राज्यपाल के साथ श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान सीएम बोले क्रांतिसूर्य जननायक मामा टंट्या भील के बलिदान दिवस पर मन गर्व से भरा हुआ है। मामा टंट्या ने मातृभूमि की रक्षा और जनजातीय गौरव के लिए जीवन समर्पित कर दिया।

कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि, देश की स्वतंत्रता में हमारे जनजातीय नायकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। मामा टंट्या ने अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे, लेकिन स्वतंत्रता के बाद की सरकारों ने कभी जनजातीय नायकों की शौर्य गाथा को याद नहीं किया, भुला दिया। टंट्या मामा एक तरफ भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ रहे थे, वहीं दूसरी तरफ गरीबों के साथ शोषण या अन्याय होते थे, तो शोषण करने वालों को टंट्या मामा भील छोड़ते नहीं थे, टंट्या मामा को अंग्रेज नहीं पकड़ पा रहे थे, अपने एक साथी की गद्दारी के कारण वह पकड़े गये और आज के ही दिन उन्हें फांसी हुई थी। हम उनके चरणों में श्रद्धा के सुमन सादर अर्पित करते है।

वही हितग्राही संवाद कार्यक्रम में सीएम शिवराज ने कहा कि, क्रांतिसूर्य जननायक टंट्या मामा जी के चरणों में मध्यप्रदेश के सभी नागरिकों की तरफ से सादर प्रणाम करता हूं। आपने सदैव गरीबों के कल्याण और जनजाति गौरव को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए अतुलनीय कार्य किए, परम श्रद्धेय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी और हमारे प्रधानमंत्री ने जननायक टंट्या मामा जी के पदचिन्हों पर चलकर जनजातीय समुदाय के विकास का जो संकल्प लिया, उसे हम साकार करने के लिए समर्पित हैं।

  • जनजनायक टंट्या मामा भारत माता के पैरों से परतंत्रता की बेड़िया काटने के लिए अपना जीवन बलिदान करने वाले अद्भुत क्रांतिकारी थे। मध्यप्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता की ओर से उनके चरणों में प्रणाम करता हूँ।
  • जनजातीय समुदाय के अधिकारों के संरक्षण और प्रगति के लिए मध्यप्रदेश में हमने पेसा नियम लागू किया है। इससे आपके जीवन में अभूतपूर्व बदलाव आएगा, आज मैं इसे आपके समक्ष विस्तार से प्रस्तुत कर रहा हूं।

आगे सीएम ने कहा कि, मेरे भाइयों-बहनों, पेसा एक्ट किसी के विरुद्ध नहीं है, यह जनजातीय समुदाय के सशक्तिकरण के लिए है। यह प्रदेश 89 जनजातीय बाहुल्य विकासखण्डों में लागू होगा, शहरों में नहीं, प्राकृतिक संसाधनों पर सभी का समान अधिकार है। PESA आपको सबसे पहले जमीन का अधिकार देता है। जमीन के अधिकार के तहत हर साल ग्राम सभा के सामने जमीन का नक्शा और खसरा आदि रखा जाएगा, जिससे कहीं गड़बड़ी न होने पाए। मेरे जनजाति समुदाय के भाई-बहनों को PESA का फायदा होगा कि जमीन के मामलों में कोई कहीं गड़बड़ी नहीं कर पाएगा। हर साल जमीन की जानकारी प्राप्त होती रहेगी, जिससे आपकी जमीन सुरक्षित रहेगी।

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