लोकायुक्त ने जिला पंचायत के क्लर्क को 20 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा, इस काम के लिए मांगे थे रुपए
रायसेन। मध्य प्रदेश में रिश्वतखोर घूस लेने से बाज नहीं आ रहे हैं। इसी बीच ताजा मामला शुक्रवार को रायसेन जिले से सामने आया है। यहां जिला पंचायत कार्यालय में पदस्थ लिपिक आशीष श्रीवास्तव को भोपाल लोकायुक्त (Bhopal Lokayukta) ने 20 हजार रुपए की रिश्वत (Bribe) लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा। आरोपी लिपिक सरपंच प्रतिनिधि से रोजगार सहायक को सचिव का प्रभार दिलाने के लिए 25 हजार की रिश्वत मांग रहा था।
सचिव का प्रभार दिलाने मांगी घूस
जानकारी के मुताबिक, रायसेन जिले की गैरतगंज जनपद के अंतर्गत ग्राम पंचायत टेहरी मुरपार में हरनाम सिंह लोधी पिता गुलाब सिंह लोधी सरपंच प्रतिनिधि के रूप में कार्यरत हैं। उसने पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त कार्यालय भोपाल को शिकायत की थी कि उसकी मां प्रभा बाई ग्राम पंचायत टेहरीमुरपार की सरपंच हैं और वह सरपंच प्रतिनिधि का कार्य करता है। उसकी ग्राम पंचायत में सचिव की पदस्थापना नहीं होने से ग्राम पंचायत का कार्य प्रभावित होता है। जिस पंचायत में सचिव नहीं होता, वहां नियम अनुसार कार्य ग्राम रोजगार सहायक को दिया जा सकता है।
इसी संबंध में ग्राम रोजगार सहायक मनोज यादव को सचिव का प्रभार दिलाने के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी ज़िला पंचायत रायसेन के कार्यालय में पदस्थ लिपिक आशीष श्रीवास्तव से मिला था। लिपिक द्वारा सचिव का प्रभार दिलाने के एवज में 25 हजार की राशि मांगी गई। आवेदक की शिकायत सही मिलने पर आरोपी को ट्रैप करने की योजना बनाई गई।
रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा
लोकायुक्त टीम के द्वारा शनिवार (30 दिसंबर) को हरनाम सिंह लोधी रिश्वत देने के लिए जिला पंचायत कार्यालय भेजा गया। आवेदक ने जैसे ही रिश्वत के 20 हजार रुपए आशीष श्रीवास्तव को दिए। इस दौरान लोकायुक्त ने आशीष श्रीवास्तव को रंगे हाथ पकड़ लिया। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार की धारा-7 और 1988 (संशोधित 2018) का प्रकरण पंजीबद्ध किया हैं।