देश

एमपी की तर्ज पर राजस्थान में भी टिकट देने की तैयारी,गहलोत को जो हराएगा, वही बनेगा CM !

राजस्थान में टिकटों की चाह में बेसब्री से इन्तजार कर रहे सैकड़ों संभावित उम्मीदवारों को झटका लग सकता है।

वहां की दोनों मजबूत पार्टियां भाजपा और कांग्रेस की तरफ से सैकड़ों उम्मीदवार पिछले कई महीनों से टिकट की उम्मीद में अपने-अपने आकाओं के चक्कर लगा रहे हैं। कांग्रेस में तो कमोबेश स्थिति इतनी चिंताजनक नहीं है, क्यों कि यह तय है कि केंद्र का कोई भी बड़ा नेता कांग्रेस की तरफ से राजस्थान में विधायक का चुनाव नहीं लड़ने जा रहा है, लेकिन भाजपा में कई संभावित उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन्हे टिकट से महरूम होना पड़ सकता है। क्योंकि भाजपा की तरफ से कई केंद्रीय मंत्री और सांसद चुनाव लड़ सकते हैं।

हालांकि भाजपा ने पहली सूचि के तौर पर लगभग 40 नाम फ़ाइनल कर लिए हैं। संभावना यही जताई जा रही है कि पांच अक्टूबर को राजस्थान में होने वाली पीएम मोदी की रैली के बाद पहली सूचि जारी कर दी जाएगी। बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति ने इस बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। माना जा रहा कि बीजेपी इस बार अशोक गहलोत के विधानसभा क्षेत्र सरदारपुर से किसी मजबूत उम्मीदवार को खड़ा कर सकती है। चर्चा यह भी है कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत,अशोक गहलोत के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं।

लेकिन सवाल यह है कि राजस्थान में वसुंधरा राजे सिंधिया की भूमिका क्या होगी ? कथित तौर पर अपनी ही पार्टी में लगातार उपेक्षित हो रहीं वसुंधरा, आज भी बीजेपी की तरफ से सबसे बड़ी चेहरा हैं, बावजूद इसके बीजेपी ने वहां किसी को भी अभी तक मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं बनाया है। राजस्थान को लेकर अब तक जो भी सर्वे हुए हैं, उसमें  बीजेपी की स्थिति बहुत अच्छी नहीं बताई गई है। कई मिडिया संस्थानों ने अपने-अपने सर्वे में कांग्रेस की सरकार बनने का दावा किया है। उन सभी सर्वे को बीजेपी ने भी देखा और समझा होगा। हालांकि सर्वे के नतीजे बदल सकते हैं। कुछ अच्छी रणनीति बनाकर उन नतीजों को अपने पक्ष में किया सकता है।

इसीलिए बीजेपी राजस्थान में उन्ही सर्वे को आधार बनाकर विधानसभा चुनाव के लिए टिकट देने से पहले हर पहलुओं को जाँच और परख रही है। बीजेपी ने इंटरनल सर्वे कराकर यह जानने की कोशिश की है कि किन-किन सीटों पर उसे चुनौती मिल रही है। किन-किन सीटों पर उसकी जीत आसान होने वाली है और कितने सीटों पर उसे चुनौतियां मिलने वाली हैं। लिहाजा बीजेपी ने विधानसभा सीटों को कैटगरी में बाँट दिया है। आसान सीटों को बीजेपी ने”A”कैटगरी में रखा है, थोड़ी सी मुश्किल सीटों को”B” में जबकि ज्यादा चुनौतियां, मिलने वाली सीटों को उसने”D” कैटगरी में रखा है। ऐसा माना जा रह है कि मध्यप्रदेश की तर्ज पर बीजेपी राजस्थान में भी केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को चुनाव मैदान में उतार सकती है।

राजस्थान में सबसे ज्यादा घेरने की कोशिश अशोक गहलोत की हो रही है। उनकी सीट सरदारपुर से केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को चुनाव लड़ाने की  तैयारी कर ली गई है, हालांकि भाजपा ने वसुंधरा के सामने भी अशोक गहलोत के खिलाफ चुनाव लड़ने की पेशकश की थी, लेकिन अभी तक वसुंधरा का कोई जवाब नहीं मिला है। बीजेपी ने भले ही राजस्थान में कोई मुख्यमंत्री का चेहरा न घोषित किया हो, लेकिन यह तय है कि बीजेपी के जिस उम्मीदवार ने भी अगर अशोक गहलोत को चुनाव हरा दिया तो, उसका मुख्यमंत्री बनना तय है, बशर्ते कि बीजेपी की वहां जीत हो और पूर्ण बहुमत मिले।

संभव है कि बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति में इस बात पर चर्चा भी हुई हो कि जिसने अशोक गहलोत को हरा दिया उसे ही वहां का मुख्यमंत्री बनाया जायेगा ! ऐसे में एक बात तो तय है की इस बार राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने कोई कदावर नेता ही चुनाव मैदान में होगा। बीजेपी की तरफ से वह नेता गजेंद्र सिंह शेखावत भी हो सकते हैं और वसुंधरा भी। लिहाजा वहां के सभी संभावित उम्मीदवारों को पीएम मोदी के दौरे का बेसब्री से इंतजार है। पांचअक्टूबर की रैली के बाद बीजेपी उम्मीदवारों की पहली सूचि तुरंत जारी करेगी। संभव है कि पहली सूचि में ही कई सासंदों और कुछेक केंद्रीय मंत्रियों के नाम हों। इसलिए इस बार राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ-साथ पीएम मोदी की भी कठिन परीक्ष होने जा रही है।

सम्बंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button