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Budget 2023: बजट सत्र से पहले केंद्र ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, विपक्षी दलों ने उठाए अपने-अपने मुद्दे

संसद के बजट सत्र से पहले सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), शिवसेना और वाईएसआर कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दलों ने हिस्सा लिया।

संसद के बजट सत्र को लेकर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद सरकार की तरफ से केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि बैठक में विपक्षी दलों की तरफ से कई मुद्दे उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार नियमों के मुताबिक विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए हर मुद्दे पर सदन में चर्चा कराने को तैयार हैं।

कांग्रेस के बैठक में नहीं आने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए जोशी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने लिखकर यह बताया था कि मौसम के चलते वो कश्मीर में फंसे हुए हैं इसलिए आज की बैठक में नहीं आ सकते, वो मंगलवार को आकर उनसे अलग से मुलाकात करेंगे।

बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने बताया कि उन्होंने बैठक में कहा कि सरकार को सदन का इस्तेमाल सिर्फ सरकारी विधेयकों को पारित करवाने के लिए ही नहीं करना चाहिए। टीएमसी ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री का भी मुद्दा उठाया। नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला ने सर्वदलीय बैठक में कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा का मसला उठाया।

अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल ने सर्वदलीय बैठक में राम रहीम की परौल का मुद्दा उठाया। बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि एक तरफ जहां एक रेपिस्ट को परौल पर परौल दी जा रही है तो वहीं कई वर्ष पहले सरकार द्वारा की गई घोषणा के बावजूद जेलों में 30 साल से बंद सिखों को रिहा नहीं किया जा रहा है, परौल तक नहीं दी जा रही है। उन्होंने पंजाब का सामाजिक और राजनीतिक माहौल खराब करने का भी आरोप लगाया।

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने बैठक के बाद बताया कि उन्होंने बैठक में देश के करोड़ों लोगों द्वारा अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा एलआईसी में लगाने और एसबीआई में रखने का जिक्र करते हुए सरकार से हिंडनबर्ग की रिपोर्ट और अडानी के मसले पर सदन में चर्चा कराने की मांग की। संजय सिंह ने दावा किया कि बैठक में सीपीआई, सीपीएम, डीएमके, आरजेडी सहित कई अन्य दलों ने भी इस पर सदन में चर्चा कराने की मांग की। शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट ) ने भी इसका समर्थन किया। सिंह ने आगे बताया कि उन्होंने दिल्ली में एलजी के रवैये और दिल्ली में मेयर का चुनाव नहीं कराए जाने के मसले को भी उठाया।

बीजू जनता दल ने बैठक में केंद्र से राज्यों को मिलने वाले फंड में की जा रही कमी का मुद्दा उठाया तो वहीं बसपा ने चीन की सेना के घुसपैठ के मसले पर सदन में चर्चा कराने की मांग की।

युवाजन श्रमिक रायतु कांग्रेस पार्टी (वाईएसआर कांग्रेस) ने राष्ट्रीय स्तर पर जाति आधारित आर्थिक गणना कराने की मांग की। पार्टी ने कहा कि पिछड़े वर्गों की आर्थिक स्थिति के बारे में जानकारी जरूरी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि सामाजिक एवं विकास सूचकांक में कौन सा वर्ग पीछे है।

वाईएसआर कांग्रेस के विजयसाई रेड्डी ने संवाददाताओं से कहा कि देश की आबादी में पिछड़े वर्गों की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत है और राष्ट्रव्यापी जाति आधारित आर्थिक गणना से इन वर्गो की आर्थिक स्थिति का पता लगाने में मदद मिलेगी।

समझा जाता है कि बैठक के दौरान इस विषय पर आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ पार्टी वाईएसआर कांग्रेस को जदयू, राजद का समर्थन मिला । जदयू और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने भी जाति आधारित जनगणना कराने की मांग की।

बिहार में जदयू और राजद महागठबंधन सरकार ने राज्य स्तर पर जाति आधारित गणना शुरू करायी है।

रेड्डी ने कहा कि उनकी पार्टी ने संसद में महिला आरक्षण विधेयक पारित कराना सुनिश्चित करने की भी मांग की है।

बैठक में महिला आरक्षण विधेयक संबंधी मांग का तेलंगाना राष्ट्र पार्टी (टीआरएस), तृणमूल कांग्रेस, बीजू जनता दल ने भी समर्थन किया।

सरकार ने बजट सत्र से पहले विभिन्न विषयों पर आम राय बनाने के लिये सोमवार (30 जनवरी) को राजनीतिक दलों के सदन के नेताओं की सर्वदलीय बैठक बुलायी थी।

संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होगा। इस दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगी। 31 जनवरी को ही सरकार आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी, 2023 को वित्त वर्ष 2023-24 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी। बजट सत्र का पहला चरण 13 फरवरी तक चलेगा और दूसरा चरण 13 मार्च से शुरू होकर छह अप्रैल तक चलेगा। बजट सत्र के दौरान 27 बैठक होंगी।

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