आशा उषा कार्यकर्ता और पर्यवेक्षक भी जाएंगी 15 मार्च से हड़ताल पर
जबलपुर। 15 मार्च से महिला एवं बाल विकास विभाग के परयिोजना अधिकारी और पर्यवेक्षक सामूहिक अवकाश पर जा रहे हैं। उनकी समस्या से शासन प्रशासन निपट नहीं पाया, इसी बीच आशा और उषा कार्यकर्ता व पर्यवेक्षकों ने चिंता और बढ़ा दी है। इन मैदानी कार्यकर्ताओं ने भी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 15 मार्च से ही काम बंद हड़ताल का ऐलान कर दिया है। आशा एवं उषा कार्यकर्ताओं के संगठन ने सीटू के बैनर तले आंदोलन की घोषणा करते हुए कहा कि सरकार ने अपने ताजा बजट में आशा और उषा कार्यकर्ताओं के मानदेय में वृद्धि का प्रस्ताव नहीं रखा। उनका काम लगातार बढ़ाया जा रहा है, लेकिन उनको मिलने वाला मानदेय अत्यंत कम है। आंदोलन पर आमादा आशा और उषा कार्यकर्ताओं की मांग है कि उनका मानदेय 10 हजार रुपये और पर्यवेक्षकों का 15 हजार रुपये महीने किया जाए। इसी तरह से उन्होंने यह मांग भी की है कि उनको प्रति माह एक निश्चित तारीख तक मानदेय अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था की जाए। ऐसी तमाम मांगों को लेकर प्रदाय किए जाने आशा और उषा कार्यकर्ता व पर्यवेक्षकों ने एक संयुक्त मोर्चा तैयार की पूरे प्रदेश में आंदोलन का ऐलान कर दिया है।