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क्रिप्टो करेंसी स्कैम : SFIO और ED की बड़ी कामयाबी, राडार पर दुबई में बैठा गिरोह का सरगना

क्रिप्टो करेंसी स्कैम में जांच का दायरा बढ़ाते हुए SFIO को बड़ी सफलता मिली है. मामला अक्तूबर 2021 में नागालैंड में कोहिमा पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट द्वारा कंपनी और इससे जुड़े व्यक्तियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत दर्ज प्राथमिकी से संबंधित है. जांच एजेंसी ने बताया कि “एचपीजेड एप के आधार पर धोखाधड़ी करता था. यह उपयोगकर्ताओं को बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी में कम निवेश करके ज्यादा रिटर्न का लालच देता था. SFIO एचपीजेड’ नाम के एप-आधारित टोकन और कुछ उसकी तरह की संस्थाओं के खिलाफ ED के साथ मिलकर कार्यवाई कर रही है. कार्रवाई के क्रम में टीम ने दिल्ली, गुरुग्राम, मुंबई, बेंगलुरु और सलेम में छापा मार चुकी है.

इससे पहले बीते साल भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में सर्च ऑपरेशन चलाया था और लगभग 56 करोड़ रुपये जब्त किए थे. गौरतलब है कि यह मामला अक्तूबर 2021 में नागालैंड में कोहिमा पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट द्वारा कंपनी और इससे जुड़े व्यक्तियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत दर्ज प्राथमिकी से संबंधित है. जांच एजेंसी ने बताया कि “एचपीजेड एप के आधार पर धोखाधड़ी करता था. यह उपयोगकर्ताओं को बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी में कम निवेश करके ज्यादा रिटर्न का लालच देता था.

जांच एजेंसी ने यह भी बताया कि इस घोटाले में दो संस्थाएं – लिलियन टेक्नोकैब प्राइवेट लिमिटेड और शिगू टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड “एचपीजेड” टोकन के नाम पर निवेशकों को ठगने में शामिल थीं. दोनों कंपनियो के तार तरुण अरोड़ा से जुड़े होने की बात सामने आ रही है , वो भारत से ठगी किया हुआ पैसा दुबई के रास्ते चाइना पहुंचाता था.

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