अरुणाचल में 11 जगहों के नाम बदलने पर भड़के खरगे, बोले- चीन को क्लीन चिट देने का नतीजा; भारत ने किया पलटवार
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने अरुणाचल प्रदेश के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है।
कांग्रेस ने अरुणाचल प्रदेश के कुछ स्थानों का चीन द्वारा पुन: नामकरण करने को लेकर मंगलवार को आरोप लगाया कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा चीन को ‘क्लीन चिट’ दिए जाने और चीनी आक्रामकता पर उनके लगातार चुप्पी साधे रहने का परिणाम है।
पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने यह भी कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है और हमेशा रहेगा।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘चीन ने तीसरी बार अरुणाचल में हमारे इलाक़ों के “नाम बदलने” का दुस्साहस किया है। उसने 21 अप्रैल 2017 को छह जगहों, 30 दिसंबर 2021 को 15 जगहों और तीन अप्रैल 2023 को 11 जगहों के नाम बदले हैं। अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा।’’ कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया, ‘‘गलवान के बाद, मोदी जी द्वारा चीन को क्लीन चिट देने का नतीजा, देश भुगत रहा है।’’
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि चीन के मामले पर प्रधानमंत्री की चुप्पी कोई जवाब नहीं है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘20,000 करोड़ अडाणी की शेल कंपनियों में बेनामी पैसे किसके हैं – प्रधानमंत्री चुप, कोई जवाब नहीं! 2000 वर्ग किलोमीटर ज़मीन चीन ने छीन ली, जगहों के नाम भी बदल रहा है, प्रधानमंत्री चुप, कोई जवाब नहीं! प्रधानमंत्री जी, आख़िर इतना डर क्यों?’’
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि यह सब उस वक्त हो रहा है जब चीन के एक शीर्ष राजनयिक ने हाल में दावा किया था कि भारत-चीन सीमा पर हालात स्थिर हैं। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘चीन द्वारा उकसाने की गतिविधि और अतिक्रमण जारी है। उसने अरुणाचल प्रदेश में स्थानों के नाम तीसरी बार बदले हैं।’’
रमेश ने दावा किया, ‘‘जून, 2020 में प्रधानमंत्री मोदी ने चीन को जो क्लीन चिट दी थी और चीन के कदमों पर उन्होंने जो चुप्पी साध रखी है, उसकी कीमत हम लगातार चुका रहे हैं।’’ कांग्रेस नेता ने यह दावा भी किया कि चीन अब अरुणाचल प्रदेश में यथास्थिति को बदलने का प्रयास कर रहा है। उधर, भारत सरकार ने अरूणाचल प्रदेश के कुछ स्थानों का चीन द्वारा पुन: नामकरण करने को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह राज्य भारत का अभिन्न और अटूट हिस्सा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि ‘मनगढंत’ नाम रखने से यह हकीकत बदल नहीं जाएगी।
गौरतलब है कि हाल ही में चीन ने अरुणाचल प्रदेश के लिए ‘‘चीनी, तिब्बती और पिनयिन’’ अक्षरों में नामों की तीसरी सूची जारी की है। चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने रविवार को अरुणाचल प्रदेश के लिए 11 स्थानों के मानकीकृत नाम जारी किए, जिसे वह स्टेट काउंसिल, चीन की कैबिनेट द्वारा जारी भौगोलिक नामों पर नियमों के अनुसार “तिब्बत का दक्षिणी भाग ज़ंगनान” बताता है।
चीन द्वारा अरुणाचल में जगहों के नाम बदलने को भारत ने किया खारिज, बताया भारत का हिस्सा
चीन की इस हरकतों पर भारत ने भी पलटवार किया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि वो अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन की ओर से उठाए गए कदमों को सिरे से खारिज करता
है। विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘हमने ऐसी खबरें देखी हैं। यह पहली बार नहीं है जब चीन ने इस तरह का प्रयास किया है। हम इसे सिरे से खारिज करते हैं। अरुणाचल भारत का अटूट भाग। नाम बदलने का प्रयास इस वास्तविकता को नहीं बदलेगा।
यह तीसरी बार है जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश में स्थानों का ‘नाम बदला’ है, जिसे वह तिब्बत का दक्षिणी भाग जंगनान कहता है।
चीन द्वारा जारी नामों की सूची में पांच पर्वत शिखर, दो भूमि क्षेत्र, दो आवासीय क्षेत्र और दो नदियां शामिल हैं।
चीन ने इससे पहले 2018 और 2021 में इसी तरह की सूचियां जारी की थीं।