देश

कांग्रेस की धूर विरोधी रहीं ममता बनर्जी ने क्यों कह दी कांग्रेस को समर्थन देने की बात?

कर्नाटक में कांग्रेस को मिली जीत के बाद अब विपक्षी नेताओं के सुर भी बदल गए हैं। जो पहले कांग्रेस के पक्ष में बोलने से कतराते थे,वो अब कांग्रेस का समर्थन करने की बात कर रहे हैं। हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले से ही कांग्रेस के पक्ष में हैं। बल्कि बिहार में उनकी पार्टी जदयू का कांग्रेस से गठबंधन भी है। पिछले आठ नौ महीने से वो लगातार विपक्ष के नेताओं से मिलकर विपक्षी एकता को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।

अब वेस्ट बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कांग्रेस के प्रति हमदर्दी दिखा दी है। ममता बनर्जी ने कह दिया है कि कांग्रेस जहां-जहां मजबूत होगी वहां वह अपना प्रत्यासी नहीं उतारेंगी। इसमें कोई दो राय नहीं है कि 2024 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की स्थिति और ज्यादा मजबूत होने वाली है। ऐसे में आज अगर विपक्ष के नेताओं ने अपने-अपने अहम् को ख़तम कर, एकजुट होने की पहल ठीक से कर दी तो,आगामी लोकसभा का चुनाव जीतना भाजपा के लिए उतना आसान नहीं रह जाएगा, जितनी भाजपा मानकर बैठी है।

विपक्ष के सभी नेता भाजपा को हराने की बात करते हैं।  सभी विपक्षी पार्टियां भाजपा को इस बार सत्ता से बेदखल करने की बातें करती हैं, लेकिन भाजपा को हराने के लिए क्या रणनीति बनानी है, इस पर अभी तक किसी ने कोई खुलासा नहीं किया है, सिवाय बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश  कुमार के। विपक्ष की तरफ से सिर्फ नीतीश कुमार ऐसे इकलौता नेता है जो पिछले आठ नौ महीने से विपक्ष को एकजुट करने की कोशिशों में लगे हुए हैं। जब राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा चल रही थी, तो उस समय भी विपक्ष की कम ही ऐसी पार्टिया थीं, जिनके नेताओं ने राहुल गांधी की उस यात्रा में शामिल होने की बात की थी, या किसी ने उनकी यात्रा की तारीफ़ की थी, जबकि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी को मिले अपार समर्थन के बाद कांग्रेस के पक्ष में एक हवा बनती हुई दिखने लगी थी।

कर्नाटक का विधान सभा चुनाव परिणाम उसी बनती हुई हवा का नतीजा है। कर्नाटक की जीत से ना सिर्फ राहुल गांधी का कद बढ़ा है बल्कि पूरे देश में एक सन्देश भी चला गया है कि जिस भाजपा ने अपने आपको अजय समझ रखा है, उसे भी हराया जा सकता है।

कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद अब विपक्षी पार्टी के नेताओं के स्वभाव में बदलाव आने लगा है। कभी कांग्रेस की धूर विरोधी रहीं, वेस्ट बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अब कांग्रेस के पक्ष में बोलना शुरू कर दिया है। कांग्रेस के सामने ममता बनर्जी ने कुछ शर्तों के साथ समर्थन देने की बात कर दी है। हालांकि उनके समर्थन को लेकर कांग्रेस की तरफ से कोई सकारात्मक बयान नहीं आया है, लेकिन कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी को पुरानी बातें याद दिला दी हैं। उन्होंने कह दिया है कि ममता ने एक बार भी भारत जोड़ो यात्रा की तारीफ़ नहीं की थी। हालांकि अधीर रंजन चौधरी की बातों का कोई खास असर नहीं होने वाला है, फिर भी उन्हें कुछ सोच समझ कर ही बोलने की जरुरत है।

आज कांग्रेस के साथ-साथ विपक्ष को भी किसी न किसी का साथ चाहिए। अभी देश में कोई एक ऐसी पार्टी नहीं है जो अपने बलबूते भाजपा को हरा सके। हालांकि कांग्रेस इस समय सबसे मजबूत है , और जिस हिसाब से कर्नाटक चुनाव में जनता ने कांग्रेस का साथ दिया है, उससे एक बात तो तय है कि कुछ वैसा ही माहौल 2024 के लोकसभा चुनाव में देखने को मिलेगा। कांग्रेस अभी कर्नाटक में सरकार बनाने को लेकर व्यस्त है। संभव है कि  कर्नाटक की सरकार बन जाने के बाद कुछ विपक्षी नेताओं के साथ उनके बैठकें हों। लेकिन इस समय अगर सही मायनों में विपक्ष को भाजपा के खिलाफ सही लड़ाई लड़नी हैं तो सबको अपने-अपने अहम् त्यागने होंगे। बिना शर्त के साथ कांग्रेस के साथ आना होगा।

सम्बंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button