कल है अक्षय नवमी, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा की सही विधि
हिंदू धर्म में प्रत्येक दिन का अपना एक विशेष महत्व है और हर माह तिथि के अनुसार कोई न कोई विशेष दिन अवश्य आता है. ऐसा ही एक खास दिन अक्षय नवमी होता है जो कि हिंदू धर्म में प्राचीन काल से मनाया जा रहा है. अक्षय नवमी के दिन आंवले का पूजन होता है और यह त्योहार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन मनाया जाता है. इस साल यह तिथि 2 नवंबर 2022, बुधवार के दिन है. आइए जानते हैं अक्षय नवमी की पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अक्षय नवमी के दिन की शुरुआत द्वापर काल से हुई थी और कहते हैं कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने कंस का वध किया था. अक्षय नवमी के दिन आंवले का पूजन किया जाता है और आंवले को अमरता का फल माना गया है. कहते हैं कि अक्षय नवमी के दिन आंवले का सेवन करने से व्यक्ति को सेहत का वरदान प्राप्त होता है. साथ ही इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे भोजन करने की भी परंपरा है.
अक्षय नवमी 2022 शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 1 नवंबर को रात 11 बजकर 4 मिनट पर शुरू होगी और 2 नवंबर को रात 9 बजकर 9 मिनट पर समाप्त होगी. उदयातिथि के अनुसार अक्षय नवमी का त्योहार 2 नवंबर को मनाया जाएगा. इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 34 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 4 मिनट तक रहेगा.
अक्षय नवमी का महत्व और पूजा विधि
धर्म शास्त्रों के अनुसार अक्षय नवमी की शुरुअता सतयुग से हुई है और इस दिन व्रत, पूजा व दान का विशेष महत्व है. मान्यता है कि अक्षय नवमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने कंस का वध किया था. इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण वृंदावन व गोकुल को छोड़कर मथुरा गए थ और इसी दिन से वृंदावन की परिक्रमा शुरू होती है.
अक्षय नवमी के दिन आंवले का पूजन किया जाता है. इस दिन सुबह उठकर स्नान आदि कर हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लें. फिर आंवले के वृक्ष का पूजन करें और अपने घर-परिवार के लिए सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें. इसके बाद आंवले के वृक्ष को जल अर्पित करें और वृक्ष की 7 बार परिक्रमा लगाएं. फिर घी का दीपक और कपूर जलाएं और आरती करें.