दुनिया

चीन की डगमगा रही अर्थव्यवस्था….

बीजिंग। चीन के शीर्ष नेताओं ने सोमवार को 24-सदस्यीय पोलित ब्यूरो की बैठक की। इसमें देश के सर्वोच्च पदस्थ अधिकारियों ने दावा किया की देश की अर्थव्यवस्था ”नई कठिनाइयों और चुनौतियों” का सामना कर रही है।

बता दें, अगस्त में अपने पारंपरिक ग्रीष्मकालीन अवकाश से पहले अधिकारी आर्थिक स्थिति की समीक्षा करने के लिए हर साल जुलाई के अंत में एक बैठक करते हैं। कोविड के बाद से ही दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ गई है, जिसका प्रमुख कारण उपभोक्ता खर्च बताया जा रहा है।

इन कारणों से देश कर रहा आर्थिक कठिनाइयों का सामना

बैठक में बताया गया कि वर्तमान आर्थिक संचालन नई कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना कर रहा है। इसका मुख्य कारण अपर्याप्त घरेलू मांग, कुछ उद्यमों के लिए परिचालन कठिनाइ, प्रमुख क्षेत्रों में उच्च जोखिम और छिपे हुए खतरों और एक जटिल और गंभीर बाहरी वातावरण है। राज्य प्रसारक सीसीटीवी पर बैठक के एक रीडआउट में इसकी जानकारी दी गई।

नीति भंडार को मजबूत करना जरूरी

पोलित ब्यूरो ने सोमवार को सहमति व्यक्त की कि चीन को सटीक और प्रभावी व्यापक आर्थिक विनियमन लागू और नीति भंडार को मजबूत करना चाहिए। राष्ट्रपति शी चिनफिंग की अध्यक्षता में हुई बैठक में घरेलू खपत का विस्तार करने और रियल एस्टेट नीतियों को समय पर समायोजित और अनुकूलित करने के प्रयासों का भी आह्वान किया गया।

युवा बेरोजगारी बढ़ी

चीन ने इस महीने कहा कि उसकी अर्थव्यवस्था दूसरी तिमाही में 6.3 प्रतिशत बढ़ी, जो विश्लेषकों के एएफपी सर्वेक्षण में अनुमानित 7.1 प्रतिशत से काफी कमजोर है। निराशाजनक परिणाम पिछले साल की तुलना में बहुत कम आया है।

चीन में शून्य-कोविड प्रतिबंध हटाने के बाद जून में युवा बेरोजगारी बढ़कर रिकॉर्ड 21.3 प्रतिशत हो गई, जो मई में 20.8 प्रतिशत थी। वहीं, संपत्ति क्षेत्र में उथल-पुथल में बना हुआ है। प्रमुख डेवलपर्स आवास परियोजनाओं को पूरा करने में विफल रहे हैं, जिससे घर खरीदारों का विरोध और बंधक बहिष्कार शुरू हो गया है।

सम्बंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button