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Mission Schools of Excellence: PM मोदी बोले- 5G से शिक्षा में बड़ा बदलाव आने वाला है

गांधीनगर: 

Mission Schools of Excellence :  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने गुजरात के गांधीनगर में मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस (Mission Schools of Excellence) का उद्घाटन किया. इस दौरान पीएम मोदी (PM Modi) बच्चों के साथ क्लासरूम में बैठे दिखे. इसके बाद उन्होंने कहा कि मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के शुभारंभ पर ‘मैं सभी गुजरात वासियों को, सभी अध्यापकों और सभी युवा साथियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, शुभकामनाएं देता हूं’. प्रधानमंत्री ने कहा कि आज गुजरात अमृत काल की अमृत पीढ़ी के निर्माण की तरफ बहुत बड़ा कदम उठा रहा है. विकसित भारत के लिए, विकसित गुजरात के निर्माण की तरफ ये एक मील का पत्थर सिद्ध होने वाला है. हमने  इंटरनेट की First G से लेकर 4G तक की सेवाओं का उपयोग किया है. अब देश में 5G बड़ा बदलाव लाने वाला है.

मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का शुभारंभ करने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज 5G, स्मार्ट सुविधाएं, स्मार्ट क्लासरूम, स्मार्ट टीचिंग से आगे बढ़कर हमारी शिक्षा व्यवस्था को Next Level पर ले जाएगा. अब वर्चुअल रिएलिटी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स की ताकत को भी स्कूलों में अनुभव किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि दो दशकों में गुजरात के लोगों ने अपने राज्य शिक्षा का कायाकल्प करके दिखा दिया है. इन दो दशकों में गुजरात में सवा लाख से अधिक नए क्लारूम बने, दो लाख से ज्यादा शिक्षक भर्ती किए गए हैं.

 

उन्होंने कहा कि गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए मैंने गांव-गांव जाकर खुद, सभी लोगों से अपनी बेटियों को स्कूल भेजने का आग्रह किया था. परिणाम ये हुआ है कि आज गुजरात में करीब-करीब हर बेटा-बेटी स्कूल पहुंचने लगा है, स्कूल के बाद कॉलेज जाने लगा है. गुजरात में शिक्षा के क्षेत्र में, हमेशा ही कुछ नया, कुछ यूनिक और बड़े प्रयोग किए गए हैं. गुजरात में पहली बार टीचर ट्रेनिंग यूनिवर्सिटी, इंस्टीट्यूट ऑफ टीचर्स एजुकेशन की स्थापना हमने की थी.

PM ने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने पूरे देश में साढ़े 14 हजार से अधिक ‘पीएम श्री’ स्कूल बनाने का फैसला किया है. ये स्कूल पूरे देश में नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के लिए मॉडल स्कूल होंगे. गुजराती सहित अनेक भारतीय भाषाओं में पाठ्यक्रम बनाने के लिए प्रयास चल रहे हैं. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति गुलामी की मानसिकता से देश को बाहर निकालकर टैलेंट को, इनोवेशन को निखारने का प्रयास है. भारतीय भाषाओं में भी साइंस की, टेक्नोलॉजी की, मेडिकल की पढ़ाई का विकल्प अब विद्यार्थियों को मिलना शुरू हो गया है.

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