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मैदे को क्यों कहा जाता है ‘ सफेद जहर’ ? डॉक्टर से जानें पूरी बात

आज के समय में लोग फास्ट फूड का जमकर लुत्फ उठाते हैं. इसमें नूडल्स, पिज्जा, समोसा, नान और मोमोज लोगों की लिस्ट में सबसे ऊपर हैं. ये सारी चीजें मैदे से बनी होती हैं, जो हमारे शरीर के लिए हानिकारक माना जाता है. मैदा एक रिफाइंड आटा होता है.

इसे कई डॉक्टर्स सफेद जहर भी बोलते हैं, लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर इसे सफेद जहर क्यों कहा जाता है? नहीं तो चलिए इस विषय पर डॉ. स्फूर्ति मान, हेड ऑफ द डिपार्टमेंट एंड सीनियर कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन एंड डायबिटोलॉजी, सनर इंटरनेशनल हॉस्पिटल्स से बात करते हैं और जानते हैं कि आखिर इसे सफेद जहर क्यों कहते हैं.

मैदे को क्यों कहा जाता है सफेद जहर?

डॉ. स्फूर्ति मान ने बताया कि तकरीबन सभी फास्ट फ़ूड मैदे के बने देखे जाते हैं और अत्याधिक तेल मसाले, बहुत तेज़ आंच पर पकने के अलावा इनमें मौजूद अत्याधिक मैदा इन्हें स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बनाता है. देखा जाए तो मैदा गेहूं का ही बहुत बारीक रूप है, लेकिन यह समझना बेहद जरूरी है कि इसका बेहद बारीक होना और बारीक पीसने की प्रक्रिया इसे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बना देती है.

दरअसल मैदे को बहुत बारीक पीसने की प्रक्रिया में फाइबर निकल जाते हैं और ग्लाइसेमिक इंडेक्स बढ़ जाता है. साथ ही इसमें ग्लूटन व अत्याधिक मात्रा में कैलोरी मौजूद होती है. यानी यह पदार्थ हमको मोटापा, अपच समेत अनेक प्रकार के स्वास्थ्य संबंधित जोखिम पैदा करता है.

इसके अलावा हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स हमारे ब्लड शुगर को एकदम से बढ़ा सकता है, जो डायबिटीज का कारक हो सकता है. इसके साथ ही हृदय संबंधित रोग, हाई कॉलेस्ट्रोल का भी जोखिम होता है. इससे बनने वाले मठरी, बेकरी उत्पाद, रस्क आदि में अक्सर चीनी की अतिरिक्त मात्रा भी होती है, यानी कुल मिलाकर मैदे का अत्यधिक सेवन स्वास्थ्य की दृष्टि से उचित नहीं है.

वहीं इन दिनों मैदे को सफेद दिखाने के लिए बेंजॉयल पेरोक्साइड केमिकल्स से मैदे को ब्लीच किया जाता है. जो बेहद हानिकारक होते हैं मैदे को ज्यादा सॉफ्ट बनाने के लिए ‘एलोक्सन’ नाम का एक केमिकल डाला जा रहा है. ये भी स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता है.

पचाने में लगता है कितना वक्त-

वैसे तो मैदे को पचने में ज्यादा समय नहीं लगता है, लेकिन इसे पचाने की क्षमता अलग अलग लोगों में अलग अलग तरह की होती है. मैदा को डाइजेस्ट होने में लगभग 2-4 घंटे लगते हैं.

मैदा से होने वाली परेशानियां-

-डायबिटीज का खतरा

-कोलेस्ट्रॉल की समस्या

-एसिडिटी की परेशानी

-फूड एलर्जी

– कमजोर होती हैं हड्डियां

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