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हिमाचल प्रदेश में किसकी सरकार! बीजेपी या कांग्रेस? जानें सियासी समीकरण

नई दिल्ली:

हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस की हार ने सुक्खू सरकार को संकट में डाल दिया है.  6 विधायकों की क्रॉस वोटिंग से सरकार अल्पत में आ गई है.  मुख्यमंत्री सुखबिंदर सिंह सुक्खू पर विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस्तीफे का दबाव बनाना शुरू कर दिया है. कांग्रेस की हार के बाद विधानसभा में वो जादूई  आंकड़े 35 से एक सीट पीछे रह गई है. ऐसे में पूरी संभावना है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को बहुमत साबित करना पड़ेगा, जिसमें उनके हारने की पूरी आशंका है.

इस बीच विक्रमादित्य सिंह के इस्तीफे ने पार्टी में अंदरुनी कलह को और बल दे दिया है. विक्रामादित्य सिंह पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे और शिमला ग्रामीण सीट से विधायक हैं. वह कल क्रॉस वोटिंग करने वालों में से नहीं थे, लेकिन उन्होंने अपना इस्तीफा इस बात को लेकर दिया कि उनके पिता की स्मृति का अनादर हुआ है. लिहाजा उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया.

राज्यसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी की जीत

दरअसल, दो साल पहले कांग्रेस ने बीजेपी से सत्ता छीनकर हिमाचल प्रदेश की कमान संभाली थी, लेकिन अब वह इस पहाड़ी राज्‍य को खोने की कगार पर है. हिमाचल प्रदेश उन ‘कुछ’ राज्‍यों में से एक है, जिनमें कांग्रेस शासित सरकार है, लेकिन 28 फरवरी को हुए राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस बहुमत का आंकड़ा खो चुकी है. ऐसे में सुक्खू सरकार पर इस्तीफे का दबाव बन रहा है.  राज्य में विधानसभा की कुल 68 सीटें हैं. बहुमत के लिए 35 सीटें की जरूरत है, लेकिन कांग्रेस के पास सिर्फ 34 सीटें हैं. हालांकि, मुख्यमंत्री सुखबिंदर सिंह सुक्खू 40 विधायकों के होने का दावा कर रहे हैं और बहुमत साबित करने की बात कह रहे हैं.

2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 40 सीटें हासिल की थीं, जिससे उसे एकतरफा जीत मिली. इसके अलावा तीन निर्दलीय विधायकों ने समर्थन दिया था. वहीं, बीजेपी महज 25 सीटों पर सिमट गई थी, लेकिन कल हुए राज्यसभा चुनाव में बड़ा खेला हो गया और बीजेपी के पास 25 सीटों के अलावा, 6 कांग्रेस विधायकों और तीन स्वतंत्र विधायकों ने कमल के पक्ष में वोट किया, जिससे बीजेपी प्रत्याशी हर्ष महाजन चुनाव जीत गए. बता दें कि हर्ष महाजन पहले कांग्रेस में थे, वीरभद्र सिंह के काफी करीबी माने जाते रहे हैं, लेकिन राज्यसभा चुनाव से ऐन पहले वो बीजेपी में शामिल हो गए.

 

बहुमत का आंकड़ा बदला 
आज विधानसभा में विपक्षी दल के विधायकों ने जोरदार हमला किया और सुक्खू से इस्तीफे की मांग की, इसपर विधानसभा अध्यक्ष ने कथित कदाचार के लिए 15 भाजपा विधायकों को निष्कासित कर दिया. अब 15 विधायकों के निष्‍कासित होने के बाद सदन की संख्‍या 53 रह गई है और बहुमत का आंकड़ा 27 रह गया है. ऐसे में कांग्रेस को विश्वास मत को आसानी से पारित कर लेना चाहिए, क्योंकि उसके पास अभी भी 34 विधायक हैं, लेकिन बड़ा सवाल है कि क्या शक्ति परीक्षण के समय सभी 34 सदस्य सदन में उपस्थित रहेंगे हालांकि, यदि भाजपा विधायकों को निलंबित कर दिया गया है, तो सदन की ताकत 68 पर बनी रहेगी, और बहुमत का आंकड़ा 35 रहेगा. इसका मतलब है कि परीक्षण के दौरान कांग्रेस सरकार गिर जाएगी.

फ्लोर टेस्ट की मांग
हिमाचल प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर ने कहा कि मंगलवार को राज्यसभा चुनाव के नतीजों से यह स्पष्ट हो गया कि कांग्रेस सरकार अल्पमत में है और उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से इस्तीफा देने की मांग की. राज्य विधानसभा की 68 सीटों में से कांग्रेस के पास 40 और भाजपा के पास 25 सीटें हैं. बाकी तीन सीट पर निर्दलीयों का कब्जा है.

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