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जिला अस्पताल के बाथरूम में पैर फिसलने से प्रसूता की मौत, प्रबंधन बता रहा हार्टअटैक

मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में प्रसूता की जिला अस्पताल के बाथरूम में पैर फिसलने से मौत होने का मामला सामने आया है। दो दिन पहले ही महिला को प्रसव हुआ था। इधर अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि महिला में खून की कमी थी और हार्टअटैक से उसकी मौत हुई है। भाजपा नेता ने भी अस्पताल पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।

जानकारी के अनुसार मामला श्योपुर जिला अस्पताल का है। बोलाज गांव में रहने वाली काजल आदिवासी को जिला अस्पताल में दो दिन पहले प्रसव हुआ था। परिजनों का कहना है कि प्रसव के बाद महिला की हालत ज्यादा खराब लग रही थी, लेकिन उसे जनरल वार्ड में भर्ती कर दिया गया। अस्पताल के आईसीयू में ताला लगाकर रखा गया था। शुक्रवार को काजल के साथ अटेंडर के रूप में अस्पताल में रुकी एक बुजुर्ग महिला सुबह चाय लेने के लिए अस्पताल से बाहर गई थी, इस दौरान काजल टॉयलेट गई थी। वहीं उसका पैर फिसला वो गिर गई। जांच में उसे मृत घोषित कर दिया गया। अस्पताल प्रबंधन ने हार्टअटैक से मौत होना बताया है।

अब सवाल उठ रहे हैं कि अगर महिला को हार्ट संबंधी दिक्कत थी तो उसे आईसीयू में क्यों नहीं रखा गया। जबकि महिलाओं के लिए मेटरनिटी वार्ड के पास अलग से 8 बेड वाला आईसीयू वार्ड भी बनाया गया है। लेकिन उसका ताला भी नहीं खोल गया। स्थानीय भाजपा जिला उपाध्यक्ष राघवेंद्र सिंह जाट ने भी महिला की मौत के पीछे अस्पताल स्टाफ की लापरवाही को बताया है। उनका कहना था कि जब महिला गंभीर रूप से बीमार थी तो अस्पताल में आईसीयू को बंद क्यों रखा गया।

मामले में जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. दिलीप सिंह सिकरवार का कहना है कि महिला में ब्लड की कमी थी, उसको दूसरी भी दिक्कत थी। उसकी मौत फिसलकर गिरने की वजह से नहीं बल्कि हार्टअटैक आने से हुई है। फिर भी हम मामले की जांच करवा रहे हैं। आईसीयू में ताला लगे होने की बात का सिकरवार कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।

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