देश

प्रशासन ने खुले आम बिकने दी आचार संहिता में मोदी योगी की फोटो वाली पिचकारी, अब बनी मुसीबत

ग्वालियर: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पूरे देश में आचार संहिता लगी हुई है। इस दौरान कोई भी पार्टी अनादिकृत रूप से अपना प्रचार प्रसार नहीं कर सकती। लेकिन आपदा में अवसर ढूंढने वाली भारतीय जनता पार्टी ने ऐसा कारनामा कर दिखाया कि उनका जमकर प्रचार भी हो गया आचार संहिता के नियम कायदे धरे के धरे रह गए ।और अब जब कांग्रेस द्वारा निर्वाचन आयोग को शिकायत की गई तो भाजपा द्वारा अपनाया गया यह प्रचार का तरीका प्रशासनिक अधिकारियों के लिए मुसीबत बन गया है।

आपको बता दें की आचार संहिता के दौरान ही होली का त्यौहार था। होली के त्योहार पर पूरे बाजार में जगह-जगह ऐसी पिचकारी बिक रही थी जो साफ तौर पर आचार संहिता का उल्लंघन था। पूरा बाजार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के फोटो वाली पिचकारियों से भरा पड़ा था उसे समय खुले आम बिकने वाली इन पिचकारियों की बिक्री पर रोक का कोई प्रयास प्रशासन ने नहीं किया और आचार संहिता का खुलेआम उल्लंघन होता रहा।
कांग्रेस ने इस मामले में लिखित शिकायत मध्य प्रदेश के निर्वाचन अधिकारी और ग्वालियर जिला निर्वाचन अधिकारी के पास भेजी। लेकिन होली के दौरान इस शिकायत पर ना कोई जांच हुई ना कोई कार्यवाही। होली निकल जाने के बाद अब निर्वाचन आयोग को इस शिकायत पर कार्रवाई की चिंता हुई। और 27 मार्च को राज्य निर्वाचन आयोग ने ग्वालियर पूर्व ग्वालियर दक्षिण ग्वालियर डबरा भितरवार विधानसभा जो ग्वालियर संसदीय क्षेत्र में आती हैं उनके रिटर्निंग ऑफिसर्स को जांच के आदेश दिए। अब संबंधित अधिकारी इस दुविधा में है कि वह इन पिचकारियों को कहां ढूंढे और क्या रिपोर्ट बनाएं। बचपन से अपने सांप निकल जाने पर लाठी पीटने का मुहावरा तो खूब सुना होगा यदि आपको उसका अर्थ समझ में नहीं आया हो तो आप प्रशासन की इस कार्य प्रणाली से इसे बखूबी समझ सकते हैं।
आपको बता दें की चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग सर्वशक्तिमान होता है यदि वह चाहे तो बहुत कुछ कर सकता है आचार संहिता का उल्लंघन कर मोदी योगी की फोटो लगी पिचकारी घर-घर पहुंच जाने के इस मामले में भी यदि आनाकानी करने के बजाय निर्वाचन आयोग अपनी शक्तियों का प्रयोग करें तो वह ऐसे सभी व्यापारियों को बुलाकर जिन्होंने मोदी योगी छाप पिचकारियों का विक्रय किया है पूरी जांच रिपोर्ट बन सकता है और उसे ट्रेल तक पहुंच सकता है।  जहां से इन पिचकारियों का निर्माण हुआ जहां से आचार संहिता के दौरान इस तरह की पिचकारियों के निर्माण और विक्रय का आदेश जारी हुआ लेकिन आजकल ट्रेल को न पड़कर इधर-उधर भटकने की चर्चा पूरे देश में है और शायद अब ग्वालियर जिला निर्वाचन के जिम्मेदार लोग भी शायद ही ट्रेल तक पहुंचने की हिम्मत करें।

सम्बंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button