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सिवनी में लोकायुक्त की कार्रवाई : 3 हजार की रिश्वत लेते पटवारी पकड़ाया, इस काम के लिए मांगे थे रुपए

मध्य प्रदेश में रिश्वतखोरी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला सिवनी (Seoni) जिले से सामने आया है। यहां जबलपुर लोकायुक्त की टीम ने एक पटवारी को तीन हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। आरोपी पटवारी ने शिक्षक से नामांतरण के एवज में 5 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी।

3 हजार रुपए में तय हुआ सौदा

दरअसल, भोंगाखेड़ा सरकारी स्कूल में पदस्थ शिक्षक संजय तिवारी ने जबलपुर लोकायुक्त से पटवारी के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। आवेदक ने बताया कि पटवारी हल्का सिवनी रैयत अंतर्गत मेरी मां के नाम पर एक प्लाट दर्ज था। मां ने दान पत्र से मेरे नाम रजिस्ट्री की थी।

14 नवंबर को न्यायालय तहसीलदार सिवनी ने प्लाट का नामांतरण आदेश पारित किया गया था। इसके बाद जब वह खसरा पर अपना नाम चढ़ाने व ऋण पुस्तिका बनाने सिवनी रैयत में पदस्थ पटवारी विपुल बरमैया से मिले तो उन्होंने नाम चढ़ाने व ऋण पुस्तिका बनाने के एवज में 5 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। बाद में दोनों के बीच 3 हजार रुपए में सौदा तय हुआ था।

तहसील परिसर में रिश्वत लेते धराया पटवाारी

आवेदक शिक्षक ने इसकी शिकायत लोकायुक्त जबलपुर में दर्ज कराते हुए कार्रवाई करने की मांग की थी। जांच में शिकायत सही पाए जाने पर जबलपुर लोकायुक्त की टीम ने पटवारी को ट्रेप करने की योजना बनाई। शुक्रवार को तहसील परिसर में लोकायुक्त टीम ने आरोपी पटवारी विपुल बरमैया को 3 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोच लिया। लोकायुक्त की कार्रवाई से तहसील परिसर में हड़कंप मच गया।

पटवारी के खिलाफ दर्ज किए प्रकरण

इस मामले में लोकायुक्त टीम ने तहसील कार्यालय के एक कमरे में दस्तावेजी कार्रवाई पूरी की। पटवारी पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर मुचलके पर छोड़ दिया गया है। लोकायुक्त दल ने निरीक्षक कमल सिंह उइके, निरीक्षक नरेश कुमार बेहरा, निरीक्षक रंजीत सिंह व अन्य सदस्य शामिल रहे।

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