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PM मोदी ने ई-कोर्ट की पहल शुरू की, बोले- मदर ऑफ डेमोक्रेसी को और भी सशक्त करना है

शनिवार को पीएम मोदी ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की उपस्थिति में सुप्रीम कोर्ट में संविधान दिवस समारोह को चिह्नित करने के लिए चार डिजिटल कोर्ट पहल की शुरुआत की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना के पहले तीन शब्द- ‘We The People’ केवल शब्द नहीं हैं… ये एक आह्वान है, एक प्रतिज्ञा है, एक विश्वास है. आज दुनिया हमें बहुत उम्मीदों से देख रही है। आज पूरे सामर्थ्य से, अपनी सभी विविधताओं पर गर्व करते हुए ये देश आगे बढ़ रहा है और इसके पीछे हमारी सबसे बड़ी ताकत हमारा संविधान है.

Pro People की ताकत से आज देश का सशक्तिकरण हो रहा

पीएम मोदी ने कहा कि भारत की Mother of Democracy के रूप में जो पहचान है, हमें उसको और भी अधिक सशक्त करना है. हमारे संविधान की स्पिरिट ‘Youth Centric है. आज संविधान दिवस पर मैं देश की न्यायपालिका से एक आग्रह भी करूंगा कि- युवाओं में संविधान को लेकर समझ बढ़े इसके लिए डिबेट और डिस्कशन को बढ़ाना चाहिए. हमारे संविधान निर्माताओं ने हमें एक ऐसा संविधान दिया है, जो open है, futuristic है और अपने आधुनिक विज़न के लिए जाना जाता है. इसलिए, स्वाभाविक तौर पर, हमारे संविधान की स्पिरिट youth centric है.

मदर ऑफ डेमोक्रेसी को और भी सशक्त करना है

आगे PM बोले आज 26/11 मुंबई आतंकी हमले का दिन भी है, 14 वर्ष पहले जब भारत अपना संविधान दिवस मना रहा था, उसी दिन मानवता के दुश्मनों ने सबसे बड़ा हमला किया. मुंबई आतंकी हमले में जिनकी मृत्यु हुई, मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. हमारे संविधान के Preamble की शुरुआत में जो ‘We the people’ लिखा है, ये सिर्फ तीन शब्द नहीं हैं – ये एक आह्वान है, एक प्रतिज्ञा है, एक विश्वास है.

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