मप्र हाई कोर्ट ने मातृत्व अवकाश मामले में रिकवरी न करने दिए निर्देश
जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने मेडिकल कालेज, खंडवा की डिमांसट्रेटर डा. निशा सिंह के मातृत्व अवकाश व रिकवरी के आदेशों पर कोई भी कार्रवाई न करने के निर्देश दिए हैं। न्यायमूर्ति विशाल धगट की एकलपीठ ने इस मामले में मेडिकल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव व मेडिकल कालेज के डीन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
खंडवा निवासी डा. निशा सिंह ने याचिका दायर कर बताया कि उसने 2017 में मेडिकल कालेज में डिमांसट्रेटर के पद पर ज्वाइन किया था। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता ब्रम्हानंद पांडे ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि वर्ष 2018 में 535 दिनों का मातृत्व अवकाश स्वीकृत किया गया, जबकि नियम में 763 दिनों की मेटरनिटी लीव का प्रविधान है। जब याचिकाकर्ता ने अवकाश के बाद ज्वाइन किया तो उपभोग करने के बाद याचिकाकर्ता को पूर्व में दिए गए मातृत्व अवकाश के आदेश में संशोधन कर उसे कम कर दिया गया। मेडिकल कालेज प्रशासन के रवैये से क्षुब्ध होकर डा. निशा ने त्यागपत्र दिया तो डीन ने सुनवाई का अवसर दिए बिना ही उनके विरुद्ध 12 लाख की रिकवरी निकाल दी। लिहाजा, रिकवरी और मातृत्व अवकाश के संशोधन आदेश को चुनौती दी गई है।