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प्रशासन को आयुक्त नि:शक्तजन ने थमाया नोटिस

जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (आरडीयू) में चल रही शिक्षकीय भर्ती में दिव्यांगजनों को दिए जाने वाले आरक्षण में गोलमाल को लेकर आयुक्त नि:शक्तजन मध्यप्रदेश ने कारण बताओं नोटिस जारी करते हुए जबाव तलब किया है। दरअसल आरडीयू प्रशासन ने बैकलॉग के रिक्त शिक्षकीय पदों सहित कई भर्तियां कर रहा है।
लेकिन पूरी प्रक्रिया में यह स्पष्ट नहीं है कि दिव्यांगजनों को आरक्षण का लाभ किस तरह से दिया जाएगा। जिससे भ्रम की स्थिति निर्मित हो गई है। दिव्यांगजनों के हितों को ध्यान में रखते हुए एक शिकायत आयुक्त नि.शक्तजन को दी गई थी। जिसकों संज्ञान में लेते हुए 17 जनवरी को आयुक्त नि:शक्तजन कार्यालय से एक कारण बताओं नोटिस जारी हुआ है।
जिसमें आरडीयू प्रशासन से 15 दिनों के भीतर जबाव प्रस्तुत करने को कहा गया गया है। आयुक्त कार्यालय ने स्पष्ट संकेत दिए है कि शासकीय विभागों, विश्वविद्यालयों को शासन के निर्देशों का पालन करना ही होगा। भर्ती प्रक्रिया में दिव्यांग जनों के लिए चिहिंत पदों को स्पष्ट रूप करना आवश्यक है। इस मामले में जबाव से संतुष्ट नहीं होने पर लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई होगी। वहीं भर्ती प्रक्रिया पर रोक भी लगाई जा सकती है।
वर्तमान में चल रही है टीचर्स की भर्ती –
दरअसल आरडीयू प्रशासन ने 19 अगस्त 2021 को बैकलॉग शिक्षकीय 70 पदों के लिए भर्ती के लिए सूचना जारी की थी। जिसके इंटरव्यू चल रहे हैं।विश्वविद्यालय प्रशासन ने भर्ती के लिए 2019 में निर्धारित रोस्टर को आधार मानते हुए पदों को विज्ञाप्ति किया था। जिसके तहत एससी- एसटी ,ओबीसी वर्ग के लिए निर्धारित आरक्षण के साथ ही कौन सा पद किस श्रेणी के लिए आरक्षित किया गया है उसको भी विषयवार उल्लेखित किया गया था। लेकिन शासन द्वारा निर्धारित दिव्यांगजन के 6 फीसदी और महिला के लिए 33 फीसदी आरक्षण को लेकर केवल यह कहां गया था कि नियमों के मुताबिक आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। जबकि नियमानुसार दिव्यांगजनों व महिलाओं के लिए आरक्षित पदों की तस्वीर भी विज्ञाप्ति सूचना में स्पष्ट करनी चाहिए थी।

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