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Telangana : विधायकों ने ली शपथ, अकबरुद्दीन ओवैसी बने प्रोटेम स्पीकर तो भाजपा ने किया बहिष्कार, विस का पहला सत्र 14 दिसंबर तक स्थगित

हैदराबाद। तेलंगाना विधानसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों ने तीसरी विधानसभा के पहले सत्र के पहले दिन सदस्यता की शपथ ली। प्रोटेम स्पीकर एवं ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी ने नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई। भारतीय जनता पार्टी ने हालांकि इस समारोह का बहिष्कार किया।

ओवैसी की नियुक्‍त‍ि को लेकर तेलंगाना बीजेपी की ओर से आपत्ति जताई गई है। इस संबंध में एक पत्र राज्‍यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन को लिखा है। वहीं बीजेपी ने अपने विधायकों को ओवैसी के सामने शपथ के लिए नहीं भेजा और समारोह का बहिष्कार किया।

एक ने अंग्रेजी और बाकी ने तेलुगु में ली शपथ

तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी विधायक के रूप में शपथ लेने वाले पहले व्यक्ति थे। उनके बाद डिप्टी सीएम मल्लू भट्टी विक्रमार्क और अन्य मंत्रियों ने शपथ ली। सर्वश्री विक्रमार्क और दामोदर राजनरसिम्हा ने अंग्रेजी में शपथ ली, जबकि मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों ने तेलुगु भाषा में शपथ ली। शपथ लेने के बाद सभी विधायकों ने आसन के पास जाकर प्रोटेम स्पीकर का अभिवादन किया और बाद में औपचारिकताएं पूरी करने के लिए रजिस्टर में हस्ताक्षर किए। मंत्रियों के बाद शपथ लेने के लिए विधायकों को वर्णमाला के क्रम में बुलाया गया।

अकबरुद्दीन ने ली प्रोटेम स्पीकर पद की शपथ

इससे पहले ओवैसी ने प्रोटेम स्पीकर पद की शपथ ली। राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने राजभवन में एक समारोह में उन्हें शपथ दिलाई, जिसमें मुख्यमंत्री और पिछली विधानसभा के अध्यक्ष पोचारम श्रीनिवास रेड्डी मौजूद थे। ओवैसी ने बाद में विधानसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई। बता दें असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी एक बार फ‍िर से AIMIM के टिकट पर चंद्रयानगुट्टा से विधायक चुने गए हैं।

सीएम ने 6 गारंटियों योजनाओं में से दो शुरू की

इस बीच मुख्यमंत्री ने तेलंगाना में पूर्व घोषित 6 गारंटियों योजनाओं में से दो – राजीव आरोग्य श्री और महालक्ष्मी योजना की शुरुआत की विधानसभा के सबसे वरिष्ठ सदस्य होने के नाते AIMIM विधायक को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया। हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में ओवैसी लगातार छठी बार हैदराबाद के चंद्रयानगुट्टा निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए। बाद में विधानसभा के पहले सत्र की कार्यवाही 14 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई।

राज्य के दूसरे सीएम बने रेवंत रेड्डी

साल 2014 में आंध्र प्रदेश से अलग तेलंगाना के गठन के बाद रेवंत रेड्डी राज्य के दूसरे मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने निवर्तमान मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) की जगह ली है। तेलंगाना में कांग्रेस की जीत के बाद 5 दिसंबर को दिल्ली में पार्टी नेताओं की बैठक हुई थी। इसमें राहुल गांधी ने रेवंत रेड्डी के नाम पर मुहर लगा दी थी। बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल सहित कई सीनियर नेता मौजूद थे।

119 में से 64 सीटों पर जीती कांग्रेस

तेलंगाना में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की है। पार्टी ने यहां 119 में से 64 सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं बीआरएस 39 पर सिमट गई, जबकि बीजेपी ने 8 सीटों पर जीत हासिल की है। कर्नाटक के बाद तेलंगाना दक्षिण का दूसरा राज्य है, जहां कांग्रेस की खुद की सरकार बन रही है।

कैसे की राजनीति की शुरुआत

  • रेवंत रेड्डी का जन्म 1969 में अविभाजित आंध्र प्रदेश के महबूबनगर में हुआ।
  • एबीवीपी से अपनी छात्र राजनीति की शुरुआत करने के बाद रेड्डी, चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी में शामिल हो गए।
  • 2009 में वे आंध्र की कोडांगल से टीडीपी के टिकट पर विधायक चुने गए।
  • 2014 में वो तेलंगाना विधानसभा में टीडीपी के सदन के नेता चुने गए।
  • रेवंत रेड्डी 2017 में कांग्रेस में शामिल हो गए। हालांकि, 2018 में वे विधानसभा चुनाव हार गए।
  • 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उनपर भरोसा जताते हुए मलकाजगिरि से टिकट दिया, इसमें उन्होंने जीत हासिल की।
  • 2021 में कांग्रेस ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देते हुए प्रदेश अध्यक्ष बना दिया।

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